पूर्व में संबंध होना इंटरनेट मीडिया पर लड़की की छवि खराब करने का अधिकार नहीं देता, एक मामले पर हाई कोर्ट की टिप्पणी
पंजाब के गुरदासपुर के एक मामले में पंजाब एवं हरियाणा ने महत्वपूर्ण टिप्पणी की। हाई कोर्ट ने कहा कि पूर्व में लड़की से किसी के संबंध होने का मतलब यह नहीं है कि पूर्व प्रेमी को उसकी छवि खराब करने का अधिकार मिल जाए।
चंडीगढ़ [दयानंद शर्मा]। अगर किसी लड़की का लड़के के साथ पूर्व में कोई संबध रहा है तो इसका मतलब यह नहीं है कि लड़का उसे बदनाम करने के लिए उसकी फोटो या अन्य सामग्री इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करने का अधिकार रखता है। अपनी पूर्व गर्ल फ्रेंड की फोटो इंटरनेट मीडिया पर अपलोड करने के आरोपित एक युवक की अग्रिम जमानत की मांग को खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की।
गुरदासपुर निवासी गगनदीप शर्मा के खिलाफ इंफार्मेशन एंड टेक्नोलाजी एक्ट 2000 के तहत 9 दिसंबर 2020 को पुलिस स्टेशन गुरदासपुर में मामला दर्ज किया गया था। याची पर आरोप है कि उसने लड़की की आपित्तजनक फोटो व कुछ संदेश वाट्सएप पर वायरल किए। उसने लड़की को भी मोबाइल पर कुछ आक्रामक संदेश भी भेजे। लड़की की तरफ से याची के परिजनों को इस बाबत अगवत भी कराया गया, लेकिन याची ने कुछ दिन बाद कई बार वाट्सएप और इंटरनेट मीडिया पर उससे जुड़ी फोटो व कुछ अन्य सामग्री वायरल कर दी। इतना ही नहीं एक दिन जब लड़की मंदिर जा रही थी तो उसने लड़की को जबरन अपनी दुकान में खींच लिया और अश्लील हरकतें की। विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी गई थी।
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मामले की सुनवाई के दौरान याची के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता व लड़की एक ही गांव के हैं और उनके आपसी संंबंध थे। यह मामला बदले की भावना से दर्ज कराया गया है, क्योंकि एक साल पहले याची के चाचा ने लड़की के पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। हालांकि बाद में समझौता हो गया था। इस मामले में लड़का लड़की वयस्क हैं। वह एक ही गांव के हैं तथा उनके पहले संबंध थे, इसलिए याची को अग्रिम जमानत का लाभ दिया जाए।
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इस पर सरकारी वकील की तरफ से कहा गया कि मामला गंभीर है और याची को हिरासत में लेकर पूछताछ करना जरूरी है। सभी पक्षों को सुनने के बाद हाई कोर्ट के जस्टिस अवनीश झींगन ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पूर्व में संबंध होना याचिकाकर्ता को इंटरनेट मीडिया का दुरुपयोग करने व लड़की की छवि खराब करने का अधिकार नहीं देता। इसी के साथ हाई कोर्ट ने याची की अग्रिम जमानत की मांग को भी खारिज कर दी।
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