PU में 26 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती पर फंसा पेंच, सिंडीकेट सदस्यों ने लगाई रोक Chandigarh News
भर्ती पर रोक लगाने वाली सिंडीकेट के सदस्यों ने शिक्षकों से पहले जांच करने की बात कही थी। अब आलम यह है कि सिंडीकेट सदस्य जांच पूरी भी नहीं कर पा रहे हैं।
चंडीगढ़ [वैभव शर्मा]। पंजाब यूनिवर्सिटी में बड़े स्तर पर शिक्षकों की कमी चल रही है। यह समस्या कई वर्षो से है, जिसे हल करने में पीयू प्रशासन नाकामयाब साबित होता रहा है। हाल ही में पीयू प्रशासन ने इन खाली पदों को भरने की एक ओर कोशिश की गई थी। कई वर्षों से पीयू के 26 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती पर रोक लगी हुई थी। जिसपर से पिछले माह ही रोक हटी थी, लेकिन अब इन 26 असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती को लेकर एक बार फिर पेंच फंस गया है। सूत्रों का कहना है कि जब केंद्र सरकार से पीयू का करार हुआ था तो उस दौरान कुछ लोगों ने समझौते पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। इस हस्ताक्षर के तहत इस बात पर सहमति बनी थी कि भविष्य में कर्मचारियों की तैनाती पीयू प्रशासन नहीं करेगा।
सिंडीकेट सदस्यों ने लगाई है रोक
असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती पर इस बार रोक सिंडीकेट सदस्यों ने लगाई है। जानकारी के अनुसार पीयू ने 26 शिक्षकों की रिक्तियां निकाली थीं, लेकिन यह प्रस्ताव सिंडिकेट में पहुंचा तो आपत्ति लगा दी गई और भर्ती प्रभावित हो गई। सिंडिकेट के मेंबर्स ने पूरा रिकॉर्ड जांचा है। उन्होंने देखा है कि निकाली गई नियुक्तियों की जरूरत उन विभागों को है या नहीं।
पूरी नहीं हुई सिंडीकेट सदस्यों की जांच
भर्ती पर रोक लगाने वाली सिंडीकेट के सदस्यों ने शिक्षकों से पहले जांच करने की बात कही थी। अब आलम यह है कि सिंडीकेट सदस्य जांच पूरी भी नहीं कर पा रहे हैं। इस वजह से प्रोफेसरों की कमी झेल रही पीयू को अब फिर से लंबा इंजतार करना पड़ सकता है। सिंडीकेट सदस्यों की रोक के बाद एक बार फिर असिस्टेंट प्रोफेसरों की फाइल धूल फांकती नजर आएगी।
शुरू हो चुकी थी फार्मों की स्क्रीनिंग
सूत्रों के अनुसार 26 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्तियों के लिए फार्मो की स्क्री¨नग शुरू हो गई थी। इन पदों के लिए पीयू को 1000 से अधिक आवेदन भी मिल चुके थे। इसके अलावा दिसंबर माह में ही पीयू प्रशासन द्वारा शिक्षकों का इंटरव्यू करवाकर नए साल में ज्वाइनिंग लेटर देने की तैयारियां भी हो गई थी। शिक्षकों के अलावा कर्मचारियों के भी पद भरे जाएंगे पीयू में वीसी प्रो. राजकुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्णय लिया गया है कि सभी रिक्त पदों को भरा जाएगा। शिक्षकों के अलावा कर्मचारियों के पद भी भरे जाएंगे। वीसी ने संबंधित विभागों से डाटा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भी भर्तियां करने की अनुमति देने के लिए पत्र लिखे जा रहे हैं।
शिक्षकों की कमी बनती है रैंकिंग में गिरावट का कारण
एमएचआरडी और यूजीसी जो रैं¨कग जारी करता है, उसमें फैक्लटी सदस्य और संस्थान में अन्य कर्मचारियों की संख्या को भी आधार बनाया जाता है। वहीं पीयू में शिक्षकों के अलावा कर्मचारियों की भी बड़े पैमाने पर पद खाली पड़े है। यह सब बातें रैं¨कग पर भी असर डालती है, जो पीयू के गिरते स्तर की सबसे बड़ी वजहों में से एक है।