पंजाब यूनिवíसटी ने पीएचडी रिसर्च स्कॉलर को दी बड़ी राहत
पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोविड महामारी में रिसर्च स्कॉलर की दिक्कतों को देखते हुए बड़ी राहत दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कोविड महामारी में रिसर्च स्कॉलर की दिक्कतों को देखते हुए बड़ी राहत दी है। कुलपति प्रो.राजकुमार की ओर से मामले को लेकर गठित कमेटी की कई सिफारिशों को अंतिम मंजूरी दे दी गई है। मंगलवार को पीयू प्रशासन ने रिसर्च स्कालर की दी गई कई छूट के बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। पीयू प्रशासन ने 22 मार्च 2020 से 31 मार्च 2021 तक रिसर्च स्कालर को लाइब्रेरी, लैब, फिल्ड वर्क और हास्टल जैसी सुविधाएं नहीं मिलने के कारण इस समय अवधि को जीरो घोषित कर दिया है।
इस फैसले से बीते एक साल में जो रिसर्च स्कॉलर रिसर्च वर्क नहीं कर पाए, उन्हें अतिरिक्त समय मिल सकेगा। पीयू प्रवक्ता के अनुसार यह सुविधा सिर्फ पीएचडी साइनोपसिस जमा करने के लिए ही स्टूडेंट्स को मिलेगी। जिन स्टूडेंट्स ने 22 मार्च 2020 को रजिस्ट्रेशन करवाई थी अब उसे एक अप्रैल 2021 से शुरू हुआ माना जाएगा। रिसर्च स्कॉलर काफी समय से इसकी मांग कर रहे थे। गौरतलब है कि पंजाब यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों से हर साल 350 से अधिक स्टूडेंट्स पीएचडी करते हैं। पीएचडी और एमफिल थिसिस 31 दिसंबर तक जमा कर सकेंगे
पीयू प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए एमफिल स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। जो एमफिल स्टूडेंट अपनी डेजेरटेशन जमा नहीं करा पाए और जिनका दो साल का समय पूरा हो चुका है वह स्टूडेंट्स अब 31 दिसंबर 2021 तक का समय दे दिया गया है। उधर, पीयू ने पीएचडी स्टूडेंट्स जिनका थीसिस जमा करने का अधिकतर समय आठ साल पूरा हो चुका है उन्हें भी 31 दिसंबर 2021 तक का समय दे दिया गया है। पीयू के इस फैसले से काफी संख्या में स्टूडेंट्स को लाभ मिलेगा। पीएचडी के तहत गोल्डन चांस पाने वाले स्टूडेंट्स भी 31 दिसंबर 2021 तक थिसिस जमा कर सकेंगे।