पीयू के विभाग यूजीसी के ऑनलाइन टीचिग सिस्टम ब्लेंडेड मोड के लिए तैयार नहीं

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) ने देश भर की यूनिवर्सिटी को सभी कोर्स को ब्लेंडेड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) शुरू करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन पीयू नए सिस्टम के तहत सभी कोर्स की पढ़ाई ऑनलाइन कराने को फिलहाल तैयार नहीं है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 06:30 AM (IST)
पीयू के विभाग यूजीसी के ऑनलाइन टीचिग सिस्टम ब्लेंडेड मोड के लिए तैयार नहीं
पीयू के विभाग यूजीसी के ऑनलाइन टीचिग सिस्टम ब्लेंडेड मोड के लिए तैयार नहीं

डा सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन(यूजीसी) ने देश भर की यूनिवर्सिटी को सभी कोर्स को ब्लेंडेड मोड (ऑनलाइन और ऑफलाइन) शुरू करने के निर्देश दिए हैं। लेकिन पीयू नए सिस्टम के तहत सभी कोर्स की पढ़ाई ऑनलाइन कराने को फिलहाल तैयार नहीं है। कुलपति प्रो. राजकुमार ने यूजीसी के ब्लेंडेड मोड को पीयू कैंपस में लागू करने के लिए 17 सदस्यों की कमेटी का गठन किया है। पहली बैठक में ही पीयू प्रशासन के सामने यूजीसी के नए निर्देशों से कोर्स कराने में मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। जानकारी अनुसार पीयू के 54 में से 50 विभागों ने कहा कि उनके पास इस स्तर का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है कि वह सभी कोर्स को ब्लेंडेड मोड में शुरू कर सकें। पीयू के हिस्ट्री, होटल मैनेजमेंट,संस्कृत और विवेकानंद स्टडीज जैसे विभागों ने ही प्रस्ताव पर सहमति दी है। जिक्रयोग है कि यूजीसी ने 20 मई 2020 को अपनी 547वीं सालाना मीटिग में यूनिवर्सिटी स्तर पर सभी कोर्स को ब्लेंडेड मोड में शुरु करने का फैसला लिया था। ब्लेंडेड मोड के तहत कोर्स का 40 फीसद सिलेबल ऑनलाइन और 60 फीसद ऑफलाइन करवाया जाएगा। पीयू से जुड़े अधिकतर स्टूडेंट्स ग्रामीण क्षेत्रों से हैं, जिनके लिए नए सिस्टम से पढ़ाई मुमकिन नहीं है। मामले में पीयू जल्द स्टूडेंट्स और टीचर्स से भी फीडबैक लेगी।

सब कमेटी एक महीने में तैयार करेगी प्रजेंटेशन

पीयू में यूजीसी के ब्लैंडेड मोड में पढ़ाई करवाने के मामले में हाईपावर कमेटी ने सभी पहलुओं पर विस्तार से मंथन किया है। पूरे मामले में हाईपावर कमेटी ने चार सदस्यों की सब कमेटी गठित की है। डा. रजत संधीर, प्रो. एसके तोमर, डा. आशुतोष और डा. नंदिता कमेटी में शामिल किए गए हैं। कमेटी महीने भर के अंदर ब्लेंडेड मोड को लेकर हाईपावर कमेटी के सामने प्रजेंटेशन देगी।

विभागों में नहीं ऑनलाइन पढ़ाई का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर

पीयू के अधिकतर विभागों में ऑनलाइन पढ़ाने का बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है। हर विभाग में स्मार्ट क्लासरूम होना जरूरी है। बजट की तंगी के कारण पीयू के लिए फिलहाल इसे सभी विभागों में लागू कर पाना मुमकिन नहीं है। कमेटी मेंबर के अनुसार जल्दबाजी में कोई भी फैसला बाद में पीयू के लिए दिक्कत बन सकता है। पीयू में 75 के करीब अलग-अलग विभाग, रिसर्च सेंटर और रिसर्च चेयर हैं।

नैक रैंकिग पर पड़ेगा असर

पीयू की नई ग्रेडिग के लिए मार्च-अप्रैल 2022 में नैक टीम कैंपस आएगी। बेहतर रैंकिग के लिए यूनिवर्सिटी को यूजीसी मापदंडों को पूरी तरह से फोलो करना पड़ता है। नैक से पहले अगर पीयू के विभागों में कोर्स की 40 फीसद पढ़ाई ऑनलाइन नहीं हुई तो पीयू रैंकिग पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

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