पंजाब यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह में मोदी-मोदी के नारों से हुआ अतिथियों का स्वागत

पंजाब यूनिवर्सिटी में शनिवार को आयोजित दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथियों का स्वागत मोदी-मोदी के नारों से हुआ।

By Edited By: Publish:Sat, 25 May 2019 10:38 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 01:33 PM (IST)
पंजाब यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह में मोदी-मोदी के नारों से हुआ अतिथियों का स्वागत
पंजाब यूनिवर्सिटी के दीक्षा समारोह में मोदी-मोदी के नारों से हुआ अतिथियों का स्वागत
जासं, चंडीगढ़। पंजाब यूनिवर्सिटी में शनिवार को आयोजित दीक्षा समारोह में मुख्य अतिथियों का स्वागत मोदी-मोदी के नारों से हुआ। मौका था इंजीनियरिंग विंग यूआइईटी साउथ कैंपस, यूआइसीईटी और यूआइईटी होशियारपुर रीजनल सेंटर से पास आउट 863 स्टूडेंट्स को डिग्री देने का। पीयू के लॉ ऑडीटोरियम में आयोजित समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (नई दिल्ली) के मेंबर सेक्रेटरी प्रो. वीके मल्होत्रा, गेस्ट ऑफ ऑनर के तौर पर सेंट्रल साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआइओ) के डायरेक्टर आरके सिन्हा वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार के साथ पहुंचे। जैसे ही अतिथि मंच पर पहुंचे स्टूडेंट्स ने मोदी-मोदी के नारों से उनका स्वागत किया। इस बीच वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार को हाथ उठाते हुए स्टूडेंट्स को शांत रहकर बैठने का इशारा करना पड़ा।

स्टूडेंट्स को दी रिसर्च वर्क के लिए आगे आने की नसीहत
मुख्य अतिथि प्रो. वीके मल्होत्रा ने कहा कि भारत के पास बीटेक के स्टूडेंट्स तैयार करने के हजारों सेंटर हैं, जिसमें पंजाब यूनिवर्सिटी भी सबसे अहम है। पीयू से मान्यता प्राप्त तकनीकी कॉलेज से हर साल हजारों स्टूडेंट्स निकलते हैं, लेकिन दुख की बात है कि हम बीटेक कर रोजगार खोजने लग जाते हैं। हम अपना गुजारा तो उससे कर लेते हैं, लेकिन समाज के लिए कुछ नहीं कर पाते। यदि चीन और जापान की बात करें तो उनका एजुकेशन मास्टर डिग्री लेने तक भी सीमित नहीं होता। इसके कारण वह देश ज्यादा तरक्की कर रहे हैं। उन्होंने स्टूडेंट्स को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बहुत जरूरी है कि हम रिसर्च वर्क में आगे बढ़ें। तभी देश का तकनीकी स्तर पर विकास हो सकता है।

प्रोवाइडर बन चुके हो, उपभोक्ता की सोच छोड़ दो : वाइस चांसलर
वाइस चांसलर प्रो. राजकुमार ने कहा कि डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट्स प्रोवाइडर बन चुके हैं। जब यूनिवर्सिटी या शैक्षणिक संस्थान में दाखिला लिया था तो उस समय उपभोक्ता थे। तब आप अपने माता-पिता और टीचर्स पर निर्भर थे, लेकिन अब समय बदल गया है। आप दूसरों को देने वाले होंगे। इसलिए रिसर्च और इनोवेशन पर ध्यान दें। जितना रिसर्च और इनोवेशन करोगे उतने बेहतर प्रोवाइडर बन पाओगे।

15 फैकल्टी मेंबर्स को रिसर्च वर्क के लिए किया सम्मानित
इस मौके पर यूआइईटी पंजाब यूनिवर्सिटी साउथ कैंपस के 591 स्टूडेंट्स, यूआइसीईटी पंजाब यूनिवर्सिटी के 110 और यूआइईटी होशियारपुर रीजनल सेंटर के 162 स्टूडेंट्स को डिग्री देकर सम्मानित किया गया। इस प्रकार से 15 फैकल्टी मैंबर्स को रिसर्च वर्क के लिए सम्मानित किया गया।

दंपती ने एक ही मंच पर हासिल किया सम्मान
दीक्षा समारोह में यूआइईटी, यूआइसीईटी और यूआइईटी होशियारपुर रीजनल सेंटर की फैकल्टी को रिचर्स वर्क के लिए भी सम्मानित किया गया। पीयू के यूआइईटी विभाग के डॉ. गौरव और कृतिका शर्मा ने एक ही मंच पर अवॉर्ड हासिल किया। इस दंपती ने वर्ष 2012 में दो अलग-अलग विषयों पर रिसर्च वर्क शुरू किया था। उस समय दोनों के पास तीन वर्षीय बच्ची थी और दूसरी बेटी का जन्म होने वाला था। परिवार की जिम्मेदारी के साथ पति-पत्नी ने दिसंबर 2018 में रिसर्च वर्क पूरा किया। डॉक्टर गौरव ने बताया कि उन्होंने कार्बन नैनो ट्यूब सेंसर पर काम किया है। यह सेंसर बहुत ही बारीक होते हैं। इनका इस्तेमाल हवाई जहाज में होता है। वहीं पत्नी कृतिका शर्मा ने ग्रेफियन मैटेरियल पर काम किया है। यह भी एक नैनो मैटेरियल है।

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