हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले पीयू ने तैयार की नई एकेडमिक बॉडी

पंजाब यूनिवर्सिटी में बीते करीब आठ महीने से ठप एकेडमिक मामलों से जुड़ी फाइलों को अब जल्द मंजूरी मिल सकेगी। पीएचडी में रजिस्ट्रेशन से लेकर शैक्षणिक विभागों से जुड़े सभी मामलों को अप्रूवल के लिए पीयू प्रशासन ने नई व्यवस्था की है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 07:07 AM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 07:07 AM (IST)
हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले पीयू ने तैयार की नई एकेडमिक बॉडी
हाईकोर्ट में सुनवाई से पहले पीयू ने तैयार की नई एकेडमिक बॉडी

डॉ. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

पंजाब यूनिवर्सिटी में बीते करीब आठ महीने से ठप एकेडमिक मामलों से जुड़ी फाइलों को अब जल्द मंजूरी मिल सकेगी। पीएचडी में रजिस्ट्रेशन से लेकर शैक्षणिक विभागों से जुड़े सभी मामलों को अप्रूवल के लिए पीयू प्रशासन ने नई व्यवस्था की है। किसी भी मामले में फैसले के लिए कुलपति को फुल पावर दे दी गई है। पीयू कुलपति की ओर से गठित हाईपावर की 15 जून को हुई बैठक में नई एकेडमिक बॉडी (नई व्यवस्था) को मंजूरी मिल गई । मामले में पीयू प्रशासन की ओर से नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में आठ जुलाई को सीनेट चुनाव को लेकर होने वाली महत्वपूर्ण सुनवाई से पहले पीयू प्रशासन ने अपना पक्ष रखने के लिए यह फैसला लिया है। नए सिस्टम में एकेडमिक मामलों से जुड़ी सभी फाइलों को अप्रूवल के लिए तीन चरणों से गुजरना होगा। लेकिन अंतिम मुहर पीयू कुलपति प्रो.राजकुमार ही लगाएंगे । इस संबंध में पत्र विभागों को जारी कर दिया गया है। पीयू प्रशासन के इस फैसले को आगामी सीनेट चुनाव को लेकर देखा जा रहा है। जनवरी 2021 में पीयू डीन का कार्यकाल खत्म होने के बाद से पीएचडी रिसर्च स्कॉलर सिनॉप्सीस अप्रूवल कराने के लिए लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहे थे। ऐसे स्टूडेंट्स को पीयू के फैसले से बड़ी राहत मिली है। फैसले लेने के लिए यह होगी नई व्यवस्था

पीयू असिस्टेंट रजिस्ट्रार ऑफिस की ओर से जारी पत्र में बताया गया है कि फैकल्टी,डीन,बोर्ड ऑफ स्टडीज,बोर्ड ऑफ कंट्रोल,रिसर्च डिग्री कमेटी, रिसर्च बोर्ड आदि से जुड़े सभी मामलों को अब कुलपति अंतिम मंजूरी दे सकेंगे। लेकिन इन से जुड़े सभी प्रस्तावों को पहले विभाग स्तर पर ज्वाइंट मीटिग ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव एंड एकेडमिक कमेटी (जैक) अप्रूवल देगी। फिर संबंधित फाइल पीयू रजिस्ट्रार ऑफिस में जाएगी। यहां से अप्रूवल के बाद फाइल डीयूआइ और सेक्रेटरी टू वीसी(एसवीसी) के पास पहुंचेगी। बाद में कुलपति प्रस्तावों पर मुहर लगाएंगे। एफिलिएटेड कॉलेजों में सिलेबस से जुड़े मामलों में 2-3 कॉलेज टीचर्स को जैक में शामिल किया जा सकता है। सीनेट चुनाव के मिल रहे संकेत

पीयू प्रशासन की नई व्यवस्था को लेकर जारी पत्र में साफ किया गया है कि यह व्यवस्था सिर्फ पीयू की नई सीनेट बनने तक रहेगी। भविष्य में इसे किसी तरह का नियम नहीं माना जाएगा। आमतौर पर सिडिकेट और सीनेट ही एकेडमिक से जुड़े मामलों पर अंतिम मुहर लगाती है। पीयू प्रशासन के इस पत्र से साफ है कि अब पीयू सीनेट और सिडिकेट के लिए तैयारी शुरू हो गई है। पीयू की ओर से छ राज्यों को सीनेट चुनाव की अनुमति के लिए लेटर पहले ही भेजा जा चुका है। पीयू प्रशासन द्वारा एकेडमिक मामलों को लेकर नई व्यवस्था को लेकर ऑफिशियल कोई जानकारी नहीं मिली है। स्टूडेंट्स के लिए यह अच्छा फैसला है। खास तौर से पीएचडी स्टूडेंट्स पिछले कई महीनों से अप्रूवल के लिए परेशान थे। कोविड से अब माहौल बेहतर है पीयू प्रशासन को तुरंत सीनेट और सिडिकेट के चुनाव पर फैसला लेना चाहिए। पीयू की सुप्रीम बॉडी सीनेट के बिना व्यवस्था काफी बिगड़ी हुई है।

- डॉ. मृत्युंजय कुमार, प्रेसिडेंट पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन, पीयू

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