पीयू में एक से अधिक पदों पर बैठे अफसरों की कुर्सी खतरे में

पंजाब यूनिवर्सिटी में कई पदों पर बैठे प्रोफेसर की कुर्सी अब खतरे में दिख रही है। यह मामला अब पीयू कैंपस में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। सीनेटर ने इस मामले में पीयू प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीयू की नई सीनेट में पूरे मामले में हंगामा होना तय माना जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 09 Nov 2021 09:14 PM (IST) Updated:Tue, 09 Nov 2021 09:14 PM (IST)
पीयू में एक से अधिक पदों पर बैठे अफसरों की कुर्सी खतरे में
पीयू में एक से अधिक पदों पर बैठे अफसरों की कुर्सी खतरे में

डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

पंजाब यूनिवर्सिटी में कई पदों पर बैठे प्रोफेसर की कुर्सी अब खतरे में दिख रही है। यह मामला अब पीयू कैंपस में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। सीनेटर ने इस मामले में पीयू प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पीयू की नई सीनेट में पूरे मामले में हंगामा होना तय माना जा रहा है। कैंपस में कुलपति द्वारा चेहतों को मनमाने ढंग से नियुक्तियों को लेकर लगातार आरोप लगते रहे हैं। मामले में पीयू प्रशासन से दिल्ली दरबार से जवाब तलब हो चुका है। ताजा घटनाक्रम में पीयू के कई सीनेटर ने पूरे मामले में कुलपति को अल्टीमेटम दे दिया है। मामले में चार सीनेटर ने कुलपति को लिखे पत्र में तुरंत एक से अधिक पदों पर नियुक्त अधिकारियों को हटाने की मांग की है।

नई सीनेट की पहली मीटिग से पहले ही कैंपस में अधिकारियों की नियुक्तियों का मामला बढ़ता जा रहा है। पीयू कुलपति को भेजे पत्र में सीनेटर ने साफ कहा कि नियुक्तियों को लेकर पीयू प्रशासन द्वारा कोई पादर्शिता नहीं बरती जा रही। एक से अधिक पदों पर नियुक्त वाले प्रोफेसर या अधिकारियों से तुरंत चार्ज लेने की मांग की गई है।

सूत्रों के अनुसार पीयू कुलपति को भेजे पत्र में सीनेटर प्रो.नवदीप गोयल, प्रो.रजत संधीर, प्रो.रोनकी राम और जितेंद्र ग्रोवर ने पूरे मामले को उठाया है। पीयू में सभी बड़े पदों पर एडहॉक की जगह रेगुलर भर्ती की मांग भी की गई है। दैनिक जागरण ने 13 अक्टूबर को एडहॉक पर पंजाब यूनिवर्सिटी शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इस समय पीयू कुलपति को छोड़ 12 बड़े पदों पर अस्थायी अधिकारियों की नियुक्ति की गई है। चांसलर ऑफिस ने मांगी है रिपोर्ट

पीयू में कुलपति के अलावा सभी पदों पर एडहॉक अधिकारियों की नियुक्ति का मामला चांसलर आफिस तक पहुंच चुका है। पूर्व सीनेटर डा.सुभाष शर्मा की शिकायत पर चांसलर आफिस ने पीयू प्रशासन से पूरे मामले में जवाब तलब किया हुआ है। पीयू प्रशासन अभी तक मामले में रिपोर्ट तैयार करने में जुटा हुआ है। पीयू सीनेटर के भी मामले में कूदने से कई अधिकारियों की सीटें खिसक सकती हैं। रोटेशन नियमों की हो रही अनदेखी

पीयू सीनेटर ने कुलपति को लिखा है कि 18 जनवरी 2020 को हुई सिडीकेट बैठक में वन मैन वन पोस्ट नियम लागू करने का फैसला लिया गया। लेकिन पीयू में एक प्रोफेसर के पास दो से तीन विभागों का चार्ज है। कई पदों पर रोटेशन सिस्टम को भी फोलो नहीं किया जा रहा। टेन्योर पूरा होने पर भी अधिकारियों को बदला नहीं जा रहा। कुलपति को भेजी शिकायत में डीन रिसर्च के पास तीन पद, डीएसडब्ल्यू वुमेन के पास ऑनरेरी डायरेक्टर सेंट्रल प्लेसमेंट सेल,लॉ विभागाध्यक्ष के पास सेक्रेटरी टू वीसी,एसोसिएट डीन स्टूडेंट वेलफेयर के पास डायरेक्टर सेंटर फॉर दी स्टडी ऑफ सोशल एक्सक्लूसन एंड इनक्लूसन पालिसी के अलावा भी कई अधिकारियों को एक से अधिक पदों की जिम्मेदारी सौंपी हुई है।

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