जीरकपुर के गांवों से वसूला जाएगा प्रॉपर्टी टैक्स, नगर परिषद ने शुरू किया सर्वे
साल 2016 में इन गांवों में पंचायती राज व्यवस्था खत्म हो गई थी। लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने का जिम्मा नगर परिषद के अधीन आ गया। राज्य सरकार ने लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संपत्ति टैक्स की शुरुआत 2013 से की थी।
जीरकपुर/मोहाली, जेएनएन। डेराबस्सी सबडिवीजन के अधीन आने वाले जीरकपुर शहर में 2016 में नगर परिषद में शामिल हुए गांवों से अब प्रॉपर्टी टैक्स वसूला जाएगा। इसको लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गांव सनोली, नगला, छत्त व अड्डा झुग्गियां में प्रॉपर्टी टैक्स वसूलने के लिए प्रशासन ने सर्वे शुरू किया है। जिस की शुरुआत मकान नंबर आवंटित करने से की गई है।
नगर पषिद जीरकुपर के कार्यकारी अधिकारी संदीप तिवारी ने इसकी पुष्टि की। ध्यान रहे कि उक्त गांवों के लोग लंबे से बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे थे। अब परिषद में शामिल होने के बाद गांवों को मूलभूत सुविधाएं आसानी से मिल जाएगी।
साल 2016 में इन गांवों में पंचायती राज व्यवस्था खत्म हो गई थी। लोगों को मूलभूत सुविधाएं मुहैया करवाने का जिम्मा नगर परिषद के अधीन आ गया। राज्य सरकार ने लोगों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए संपत्ति टैक्स की शुरुआत 2013 से की थी। टैक्स से होने वाली आमदनी को लोगों की सुविधाओं पर खर्च किया जाता है। गांव सनोली, नगला, छत्त व अड्डा झुग्गियां में सीवरेज की लाइन न होने से दूषित पानी की निकासी खुली नालियों से की जा रही है। इससे जहां पर्यावरण दूषित हो रहा है। वहीं बदबू से भी लोगों को परेशान होना पड़ रहा है।
नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि लोगों के सीवरेज, पानी, पक्की गलियां, सोलर लाइट्स, डेवलप पार्क देने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। जीरकपुर नगर परिषद के नए प्रधान ने हाल ही में शपथ ली है। कुछ दिन पहले ही जीरकपुर के 25 करोड़ के टेंडरों पर रोक लगाई गई। जिसके कारण विकास के काम रुक गए हैं। क्योंकि अब नए सिरे से टेंडर लगाने के लिए पहले नगर परिषद की बैठक में विकास कार्यों पर चर्चा होगी। परिषद में सभी कार्यों को पास किया जाएगा। जिसके बाद टेंडर प्रक्रिया आंरभ होगी। जिसमें एक माह से ज्यादा का समय लग सकता है।