पीयू फाइव ईयर लॉ की संभावित मेरिट लिस्ट पर अगले आदेशों तक रोक

लीगल स्टडीज (फाइव ईयर लॉ) कोर्स में दाखिले का विवाद बढ़ता जा रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:18 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:18 AM (IST)
पीयू फाइव ईयर लॉ की संभावित मेरिट लिस्ट पर अगले आदेशों तक रोक
पीयू फाइव ईयर लॉ की संभावित मेरिट लिस्ट पर अगले आदेशों तक रोक

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाब यूनिवर्सिटी स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (फाइव ईयर लॉ) कोर्स में दाखिले का विवाद बढ़ता जा रहा है। दाखिले के लिए इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई मेरिट लिस्ट में 12वीं में लीगल स्टडी पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को चार अतिरिक्त अंक दिए जाने के खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही हैं। मामले में कड़े विरोध को देखते हुए इंस्टीट्यूट ने 23 अक्टूबर शाम को जारी संभावित मेरिट लिस्ट को अगले आदेशों तक स्थागित कर दिया है। इस पूरे मामले में कई स्टूडेंट्स द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है। जिस मामले की सुनवाई सोमवार को होनी है। दैनिक जागरण ने 21 अक्टूबर के अंक में लॉ विभाग में दाखिले से पहले बदले नियम तो हुआ विरोध शुरू..शीर्षक से मामले को प्रमुखता से उठाया था। मेरिट लिस्ट के खिलाफ स्टूडेंट्स द्वारा पीयू कुलपति प्रो.राजकुमार और चांसलर एम वैंकेया नायडू को भी शिकायत भेजी गई है। सूत्रों के अनुसार मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी कुलपति ने कड़े विरोध के बाद फिलहाल फाइनल मेरिट लिस्ट नहीं जारी करने के विभाग को आदेश जारी किए हैं। इस कोर्स में दाखिले के लिए करीब सात हजार विद्यार्थियों ने आवेदन किया है। अभिभावक और स्टूडेंट्स का आरोप है कि पंजाब यूनिवर्सिटी के यूआइएलएस विभाग ने पीयू के दो प्रोफेसर के बच्चों और कुछ ज्यूडिशियल से जुड़े अधिकारियों के बच्चों को लाभ देने के लिए संभावित मेरिट लिस्ट से एकदम पहले नियमों में बदलाव कर दिया। 12वीं में लीगल स्टडी पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को चार अतिरिक्त अंक मिलने से पूरी मेरिट लिस्ट बदल गई। 96 फीसद से अधिक अंक होने पर भी स्टूडेंट्स का मेरिट में स्थान काफी नीचे आ गया। इस पूरे मामले में पंजाब यूनिवर्सिटी में एडमिशन क्राइटेरिया को लेकर काफी फजीहत हो रही है। अभिभावकों की अब उम्मीद पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी है। कोविड-19 के कारण इस बार पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने फाइव ईयर लॉ में दाखिला 12वीं के अंकों की मेरिट के आधार पर करना का फैसला लिया है, जबकि बीते सालों में यूआइएलएस में दाखिला एंट्रेंस टेस्ट के आधार पर होता था।

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