पूरी क्षमता के साथ चल सकेंगी निजी स्कूलों की बसें
शहर के प्राइवेट स्कूलो की बसें अब पूरी क्षमता के साथ चल सकेंगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के प्राइवेट स्कूलो की बसें अब पूरी क्षमता के साथ चल सकेंगी। बसों में मास्क और सेनिटाइजर का इस्तेमाल करना अनिवार्य होगा। बस में बैठने से पहले स्टूडेंट की थर्मल स्क्रीनिग होगी ताकि कोरोना संक्रमण का कोई चांस न बचे। प्राइवेट स्कूल बसों के चलने के निर्देश शुक्रवार को शिक्षा विभाग की तरफ से जारी किए गए। नए निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल में स्टूडेंट्स अपनी मर्जी के अनुसार आ सकेंगे। मास्क और सेनिटाइजर की व्यवस्था स्कूल बस प्रबंधन को करनी होगी, ताकि संक्रमण से बचाव हो सके। उल्लेखनीय है कि शहर के 75 प्राइवेट स्कूल की पांच सौ बसें ट्राईसिटी में चलती हैं, जिसमें नर्सरी से 12वीं कक्षा के करीब एक लाख स्टूडेंट्स सफर करते हैं। हालांकि वर्तमान में शहर के सरकारी स्कूलों में औसतन 40 फीसद, जबकि प्राइवेट स्कूल में सीनियर सेकेंडरी लेवल के मात्र पांच फीसद स्टूडेंट्स ही स्कूल आ रहे हैं। एक स्कूल की पांच से 12 बस की है क्षमता
शहर के प्राइवेट स्कूल नर्सरी, प्राइमरी, हाई और सीनियर विग के लिए अलग-अलग बसों को चलाते हैं। शहर के हर स्कूल के पास औसतन पांच से 12 बसें होती हैं। हर बस में 40 से 70 स्टूडेंट्स को स्कूल लाने और वापस घर छोड़ने का काम किया जाता है। हर स्कूल बस में हर स्टूडेंट्स के बैठने की व्यवस्था होती है। आर्थिक स्थिति के लिए राहत की बात : मंजीत सिंह
प्राइवेट स्कूल बस टांसपोर्ट आपरेटर मंजीत सिंह ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से जारी किए गए निर्देश प्राइवेट स्कूल बस ट्रांसपोर्ट आपरेटर्स के लिए फायदेमंद है। कोरोना नियमों का जो पालन पब्लिक ट्रांसपोर्ट में हो रहा है उनका पालन हम बसों में भी कर सकते हैं। डेढ़ साल बाद ट्रांसपोर्ट सिस्टम पटरी पर आने के साथ ही स्टूडेंट्स को भी फायदा होगा। प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन की मांग को देखते हुए प्राइवेट स्कूल ट्रांसपोर्ट को चलाने का निर्णय लिया गया है। कोरोना नियमों का पालन करना स्कूल और ट्रांसपोर्ट आपरेटर की जिम्मेदारी होगी।
- डा. पालिका अरोड़ा, डायरेक्टर स्कूल एजुकेशन