चंडीगढ़ में इलाज के नाम पर नहीं लूट सकेंगे प्राइवेट अस्पताल, प्रशासन ने तय किए रेट, यहां करें शिकायत

निजी अस्पतालों की इलाज के बदले मोटे चार्ज वसूलने की शिकायतें भी लगातार आ रही हैं। इस तरह लोगों से कोरोना इलाज के नाम पर लूट न हो इसके लिए प्रशासन ने सभी स्तर पर रेट निर्धारित कर रखे हैं। यह कोविड केयर के पैकेज होंगे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:45 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 09:45 AM (IST)
चंडीगढ़ में इलाज के नाम पर नहीं लूट सकेंगे प्राइवेट अस्पताल, प्रशासन ने तय किए रेट, यहां करें शिकायत
चंडीगढ़ में इलाज के नाम पर नहीं लूट सकेंगे प्राइवेट अस्पताल।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना महामारी में एक तरफ कई संगठन और वॉलंटियर दूसरों की मदद करने में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर कई प्राइवेट हॉस्पिटल इसे अवसर समझकर खूब जेब काट रहे हैं। प्रशासन ने कोरोना इलाज के लिए प्राइवेट हॉस्पिटल में रोजाना के रेट निर्धारित कर रखे हैं। बावजूद इसके यह इसकी प्रवाह न कर लाखों रुपये के बिल बना रहे हैं। जो पैसा देना बंद कर देता है उससे ऑक्सीजन खत्म हो जाने का डर दिखाकर बेड खाली करा लेते हैं।

निजी अस्पतालों की इलाज के बदले मोटे चार्ज वसूलने की शिकायतें भी लगातार आ रही हैं। इस तरह लोगों से कोरोना इलाज के नाम पर लूट न हो इसके लिए प्रशासन ने सभी स्तर पर रेट निर्धारित कर रखे हैं। यह कोविड केयर के पैकेज होंगे। जिसमें हॉस्पिटल को निर्धारित गाइडलाइंस के तहत ही पेशेंट का इलाज करना होगा। इस पैकेज में बेड, फूड, माॅनीटरिंग, नर्सिंग केयर, डॉक्टर विजिट, इनवेस्टिगेशन शामिल रहेगा। अगर पेशेंट को रेमडेसिविर जैसे इंजेक्शन की जरूरत रहती है तो इसका खर्च अलग से एमआरपी के हिसाब से होगा। पैकेज में को-मोर्बिड पेशेंट की मेडिकल केयर सुपोर्टिव केयर मेडिसिन भी शामिल रहेगी। यह कोविड केयर के दौरान ही रहेगा। इसमें एक डायलिसिस भी ऐसे मरीजों के लिए शामिल रहेगा। अगर और की जरूरत रहती है तो उसका अलग से चार्ज कर सकते हैं। पैकेज रेट के बाद कोई भी किसी तरह की लापरवाही नहीं की जा सकती। प्लाज्मा थेरेपी इसमें शामिल नहीं रहेगी। अगर कोई बड़ी सर्जरी होती है तो उसका भी चार्ज अलग से लगेगा। वहीं अगर किसी गर्भवति महिला की इलाज के दौरान डिलिवरी होती है तो इसका चार्ज अस्पताल अलग से वसूल करेगा।

निजी अस्पताल के लिए निर्धारित रेट, सामान्य मरीज से प्रतिदिन चार्ज

जो पेशेंट कम लक्षण के साथ हॉस्पिटल आते हैं। हल्के बीमार हैं उन्हें अगर एक दिन के लिए दाखिल करना होता है तो उनसे एनएबीएच एक्रीडिटिड हॉस्पिटल प्रतिदिन 5500 और नॉन एनएबीएच 4500 चार्ज कर सकते हैं।

लंबे समय तक दाखिल रहने पर प्रतिदिन चार्ज, सामान्य मरीज

एक सामान्य मरीज जिसे निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। मरीज को आइसोलेशन बेड, सुपोर्टिव केयर और ऑक्सीजन की जरूरत है। उससे एनएबीएच एक्रीडिटिड हॉस्पिटल नौ हजार रुपये से ज्यादा नहीं लेगा। इसमें 1200 रुपये की पीपीई किट भी शामिल रहेगी। वहीं जो हॉस्पिटल एनएबीएच से एक्रीडिटिड नहीं है उससे आठ हजार रुपये लिए जा सकते हैं। इसमें भी पीपीई शामिल रहेगी।

गंभीर मरीज

वह मरीज जो आईसीयू में है लेकिन वेंटिलेटर की जरूरत नहीं है उससे एनएबीएच एक्रीडिटिड हॉस्पिटल 14 हजार जिसमें 2000 पीपीई के शामिल रहेंगे। वहीं नॉन एनएबीएच एक्रीडिटिड 13 हजार रुपये ले सकते हैं। इसमें दो हजार रुपये पीपीई के भी शामिल रहेंगे।

अत्यंत गंभीर मरीज

ऐसे मरीज जो आईसीयू में हैं और वेंटीलेटर केयर की जरूरत भी है उनसे एनएबीएच एक्रीडिटिड हॉस्पिटल 16500 रुपये चार्ज कर सकते हैं। इसमें दो हजार रुपये पीपीई के लिए शामिल रहेंगे। जबकि नॉन एनएबीएच एक्रीडिटिड हॉस्पिटल 15 हजार रुपये चार्ज करेंगे। इसमें भी दो हजार पीपीई के लिए शामिल रहेंगे। अलग से वसूल नहीं कर सकते।

यहां करें शिकायत

प्रिंटिंग एंड स्टेशनरी कंट्रोलर पीसीएस अधिकारी जगजीत सिंह को प्राइवेट हॉस्पिटल कोऑर्डिनेटिंग का चार्ज दिया गया है। यह इन हॉस्पिटल में बेड और ऑक्सीजन सप्लाई की मॉनीटरिंग करेंगे। इन हॉस्पिटल संबंधी कोई दिक्कत रहती है तो इन्हें शिकायत की जा सकती है। इसके अलावा डीसी मनदीप सिंह बराड़ को भी इस संबंध में शिकायत कर सकते हैं। महामारी एक्ट के तहत प्रशासन ने रेट निर्धारित कर रखे हैं। जिसके तहत उल्लंघन पर कार्रवाई भी उसी के तहत होगी।

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