पंजाब गवर्नर के प्रधान सचिव जेएम बाला मुरुगन 107 दिन के अंदर दोबारा कोरोना पॉजिटिव

पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के प्रधान सचिव दोबारा कोरोना पॉजिटिव।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Nov 2020 07:30 AM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 07:30 AM (IST)
पंजाब गवर्नर के प्रधान सचिव जेएम बाला मुरुगन 107 दिन के अंदर दोबारा कोरोना पॉजिटिव
पंजाब गवर्नर के प्रधान सचिव जेएम बाला मुरुगन 107 दिन के अंदर दोबारा कोरोना पॉजिटिव

विशाल पाठक, चंडीगढ़ : पंजाब के गवर्नर और चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के प्रधान सचिव जेएम बाला मुरुगन 107 दिन के अंदर दोबारा कोरोना पॉजिटिव पाए गए। गवर्नर के प्रधान सचिव इससे पहले 10 अगस्त को कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। चंडीगढ़ का ये पहला ऐसा मामला है, जहां एक बार संक्रमित हो चुके शख्स को दोबारा से कोरोना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के अलावा कई अन्य चिकित्सा संस्थानों ने रिसर्च के जरिये यह साबित किया था कि एक बार जो शख्स कोरोना संक्रमित हो जाए उस शख्स को अगले छह महीने तक दोबारा से संक्रमण का खतरा नहीं हो सकता। लेकिन चंडीगढ़ में आए इस पहले मामले ने कहीं न कहीं डब्ल्यूएचओ, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी जैसे तमाम रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोध पर सवाल खड़ा किया है। वहीं पीजीआइ चंडीगढ़ के निदेशक प्रो. जगतराम ने बताया कि अभी तक पीजीआइ में एक भी ऐसा केस रिपोर्ट नहीं किया गया है। छह महीने के अंदर दोबारा से किसी शख्स को कोरोना होना बहुत ही दुर्लभ है। इस पर टिप्पणी करते हुए प्रो. जगतराम ने कहा कि एक बार जब किसी शख्स को कोरोना हो जाता है तो उसके ठीक होने के बावजूद शरीर में कोरोना संक्रमण के कुछ अंश रह जाते हैं। संक्रमण के इन अंशों से शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी लड़ती है। अगर कोई शख्स दोबारा संक्रमित होता है, यह उसके शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी पर पूरी तरह निर्भर करता है। शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी अगर संक्रमण से लड़ने में कारगर नहीं है या फिर एक बार संक्रमित होने के बाद शरीर में एंटीबॉडी पूरी तरह से विकसित नहीं हुई। तो ऐसे केस में शख्स दोबारा कोरोना संक्रमित हो सकता है। लेकिन पूरे देश में बहुत ही चुनिदा ऐसे मामले सामने आए हैं। दोबारा से संक्रमण न हो, इसके लिए एंटीबॉडी का पूरी तरह विकसित होना जरूरी

प्रो. जगतराम ने कहा कोई शख्स दोबारा कोरोना संक्रमित न हो। इसके लिए यह जरूरी है कि एक बार कोरोना संक्रमित होने के बाद उसके शरीर में संक्रमण से लड़ने के लिए बनने वाली एंटीबॉडी पूरी तरह विकसित हों। तभी कोई शख्स दोबारा संक्रमण की चपेट में आने से बच सकता है। इसके अलावा यह जरूरी है कि कोरोना संक्रमण की चपेट में आ चुके लोगों को अपना रुटीन हेल्थ चेकअप जरुर कराना चाहिए। ताकि उनके शरीर में बनने वाली एंटीबॉडी की मात्रा और संक्रमण के अंशों का पता लग सके। इसके अलावा कोरोना की चपेट में आ चुके लोगों को पौष्टिक आहार का सेवन करना बेहद जरूरी है, ताकि उनके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़े। इसके अलावा दोबारा संक्रमण से बचने के लिए लोगों को मुंह पर मास्क और शारीरिक दूरी बनाकर रखनी चाहिए। जेनेटिक एनालिसिस और एंटीबॉडी टेस्ट के बाद पता चलेगा क्यों हुआ दोबारा कोरोना

पीजीआइ के वायरोलॉजी विभाग की प्रो. मिनी पी सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह से संभव है कि किसी भी शख्स को दोबारा से कोरोना हो सकता है। लेकिन यह बहुत ही दुर्लभ है। प्रो. मिनी पी सिंह ने कहा कि जिस प्रकार चंडीगढ़ में पहला ऐसा मामला आया है, ऐसे में अब दोबारा से संक्रमित हुए मरीज के जेनेटिक एनालिसिस और एंटीबॉडी टेस्ट के बाद ही दोबारा से संक्रमित होने का कारण पता लग सकता है। पीजीआइ के वायरोलॉजी विभाग ने पंजाब गवर्नर के प्रधान सचिव के दोबारा संक्रमित आने पर उनके ब्लड सैंपल, जेनेटिक एनालिसिस के सैंपल और एंटीबॉडी टेस्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके अलावा यह भी देखना होगा कि जब वे पहले संक्रमित पाए गए थे, उनमें कोरोना संक्रमण के कितनी मात्रा में लक्षण सामने आए थे, इसके अलावा उन्होंने संक्रमण से ठीक होने के बाद बीच में एंटीबॉडी टेस्ट कराया था या नहीं। इन सब पर पूरी तरह से शोध करने के बाद दोबारा से संक्रमित होने का पता चल सकेगा।

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