चंडीगढ़ में कांग्रेस पर बना दबाव, वाल्मीकि समुदाय के नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल करने की मांग

चंडीगढ़ में वाल्मीकि समाज के पार्टी से जुड़े हुए कई नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ अनदेखी का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोला हुआ है। इसका कारण यह भी है कि जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होने वाला है।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 10:33 AM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 10:33 AM (IST)
चंडीगढ़ में कांग्रेस पर बना दबाव, वाल्मीकि समुदाय के नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल करने की मांग
चंडीगढ़ में वाल्मीकि समाज के पार्टी से जुड़े कई नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ अनदेखी का आरोप लगाया है।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ में वाल्मीकि समाज के पार्टी से जुड़े कई नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ अनदेखी का आरोप लगाते हुए मोर्चा खोला हुआ है। इसका कारण यह भी है कि जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी का गठन होने वाला है। असल में यह नाराजगी इसलिए भी जाहिर की जा रही है क्योंकि इस समाज के कुछ नेताओं को लगता है कि उनकी अनेदखी फिर से न हो जाए। ऐसे में अब पार्टी पर भी दबाव बन गया है कि वाल्मीकि समाज के नेताओं को प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल कर लिया जाए क्योंकि दिसंबर माह में नगर निगम चुनाव है और चुनाव में पार्टी को समाज के मतदाताओं की वोट चाहिए। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ही उन एरिया में सबसे ज्यादा वोट पड़े थे जहां पर वाल्मीकि समाज के मतदाता रहते थे। मालूम हो कि जब सुभाष चावला को अध्यक्ष बनाया गया तब भी समाज के कुछ नेताओं ने पार्टी प्रभारी हरीश रावत को नाराजगी जाहिर की थी।  

जिला अध्यक्षों में कोई भी वाल्मीकि समाज के नेता को नियुक्त न करने का नेशनल वाल्मीकि सभा की महिला अध्यक्ष बबीता, उपाध्यक्ष मनीषा, चंडीगढ़ महिला अध्यक्ष मोना सिद्धू, किरण गहलोत, महेंद्र सिंह, राजविंदर सिंह गुड्डू, ललित मुकेश कांगड़ा, अमन, मोनिका, सुनील,रामवीर और पवन दुग्गल ने भी बैठक कर रोष जाहिर किया है। उनका कहना है कि वाल्मीकि समुदाय को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। इन नेताओं का कहना है कि इससे पहले कांग्रेस के चार प्रवक्ता बनाए गए उस समय भी किसी वाल्मीकि समाज के नेता को यह जिम्मेवारी नहीं दी गई।

नेताओं का दावा, यहां-यहां पर किया गया नजरअंदाज

इन नेताओं का कहना है कि कुछ दिन पहले प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चावला ने चंडीगढ़ कांग्रेस ने 5 प्रवक्ताओं को नियुक्त किया उन्हें भी एक या दो प्रवक्ता को वाल्मीकि समाज का नहीं बनाया। कुछ दिन पहले पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर को मांग पत्र दिया गया जिसमें कांग्रेस पार्टी की तरफ से 15 डेलिगेशन लोग राज्यपाल को मांग पत्र देने के लिए गए। उन 15 में से कोई भी वाल्मीकि समुदाय का व्यक्ति नहीं था इसमें भी पार्टी ने वाल्मीकि समुदाय को नजरअंदाज किया। चंडीगढ़ कांग्रेस पार्टी में काफी समय से वाल्मीकि समुदाय को कोई भी पार्टी का पद जिम्मेवारी नहीं दी गई। अब पांच जिला अध्यक्षों की नियुक्ति किया गया उनमे भी नजरअंदाज किया गया है। नेताओं का कहना हे कि चंडीगढ़ कांग्रेस में वाल्मीकि समुदाय को ना तो मान सम्मान ना आत्मसमान और ना ही किसी जिम्मेवारी के लायक समझा गया। चंडीगढ़ में वाल्मीकि समुदाय की एक लाख से ज्यादा जनसंख्या है। इन नेताओं का कहना है कि इस मुद्दे का लेकर जल्द ही पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन बंसल को मिला जाएगा।

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