कैप्टन ने कहा- कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति की मंजूरी दुखद, पंजाब में किसान हित में सभी पहलू पर विचार
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कृषि विधेयकों काे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिलना दुखद है। इससे किसानों का झटका लगेगा। पंजाब में किसानों के हित की रक्षा में हम सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह ने नए कृषि विधेयकों को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मंजूरी देने पर निराशा जताई है। उन्होंने कहा कि यह निराशाजनक और दुखदायक है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने इस संबंध में कांग्रेस और अन्य विरोधी पार्टियों का पक्ष सुने बिना यह फैसला लिया है। इन कानूनों से किसानों का बहुत नुकसान होगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानाें के हितों की रक्षा के लिए सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों के हितों की रक्षा के लिए उनकी सरकार प्रांतीय कानूनों में हर संभव संशोधन करेगी। इसके लिए सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। कोई फैसला लेने से पहले किसान संगठनों और अन्य संबंधित पक्षों सको भरोसे में लिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आश्वासन दिाय कि राज्य सरकार फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) व्यवस्था के मुदृदे पर किसी कीमत पर समझौता किए बिना किसानों का एक-एक दाना खरीदने के लिए वचनबद्ध है।
मुख्यमंत्री केप्टन अमरिंदर ने कहा कि कृषि विधेयकों को लेकर अगला कदम उठाने से पहले उनकी सरकार कानून और खेती माहिरों समेत उन सभी लोगों से विचार-विमर्श कर रही है जो केंद्र सरकार के इन किसान विरोधी कानूनों से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि कानूनी रास्ता अख्तियार करने के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह आज खटकड़ कलां में शहीद भगत सिंह की समाधि स्थल पर शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट करने के बाद केंद्र सरकार के काले कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठेंगे।
कैप्टन ने कहा कि इन नए कानूनों को मौजूदा रूप में लागू होने से पंजाब की खेती बर्बाद हो जाएगी जोकि पंजाब की जीवन रेखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य को बाहर रखने से भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं। इसी कारण किसानों में व्यापक स्तर पर बेचैनी फैली हुई है।
यह भी पढ़ें: पंजाब में खिसकती जमीन बचाने को शिअद का आखिरी दांव, जानें गठजोड़ तोड़ने का असली कारण
यह भी पढ़ें: मांस से अलग हो गया नाखून.., दर्द दोनों को होगा, शिअद और भाजपा के संबंध के रहे कई आयाम
यह भी पढ़ें: आखिर टूट गया 24 साल पुराना शिअद-भाजपा गठजोड़, SAD कृषि विधेयक के खिलाफ राजग से बाहर
यह भी पढ़ें: पंजाब के इस शख्स के पास है धर्मेंद्र की अनमोल धरोहर, किसी कीमत पर बेचने को तैयार नहीं
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें