पंजाब में नौकरीपेशा लोगों काे लग सकता है भारी झटका, प्राेफेशनल टैक्स बढ़ाकर 12 हजार करने की सिफारिश

पंजाब में नौकरीपेशा लोगों को जोर का झटका देने की तैयारी है। पंजाब की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार प्रोफेशनल टैक्‍स को बढ़ाकर 12 हजार रुपये कर सकती है। इस बारे में पंजाब सरकार द्वारा गठित मोंटेक सिंह आहलुवालिया कमेटी ने सिफारिश दी है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:35 AM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 06:35 AM (IST)
पंजाब में नौकरीपेशा लोगों काे लग सकता है भारी झटका, प्राेफेशनल टैक्स बढ़ाकर 12 हजार करने की सिफारिश
पंजाब में नौकरीपेशा लोगों पर प्रोफेशनल टैक्‍स की मार बढ़ सकती है। (सांकेतिक फोटो)

चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में नौकरीपेशा लाेगों को भारी झटका लग सकता है और उन पर प्रोफेशनल टैक्‍स की भारी मार पड़ सकती है। राज्‍य की कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार की राज्‍य में नौकरीपेशा लोगों पर लगनेवाला प्रोफेशनल टैक्‍स बढ़ाकर 12000 रुपये सालाना करने की तैयारी है। इस बारे में राज्‍य सरकार द्वारा गठित मोंटे सिंह आहलुवालिया कमेटी ने सिफारिश की है। पंजाब की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए डेढ़ साल पहले बनाई गई मोंटेक सिंह आहलुवालिया कमेटी ने पंजाब सरकार को अपनी फाइनल रिपोर्ट पेश कर दी है।

पंजाब सरकार की ओर से बनाई गई मोंटेक आहलुवालिया कमेटी ने की सिफारिश

मोंटेक कमेटी ने सिफारिश की है कि नौकरीपेशा लोगों पर लगने वाले प्रोफेशनल टैक्स को 2500 रुपये प्रति साल से बढ़ाकर12 हजार रुपये किया जाए जैसा कि 14वें वित्तीय आयोग ने भी अपनी सिफारिश में कहा था। कमेटी ने कहा है कि 2500 रुपये के प्रोफेशनल टैक्स लगाने की सीमा 1988 में तय की गई थी । पंजाब सरकार अन्य राज्य सरकारों को साथ लेकर केंद्र सरकार पर इसके लिए दबाव बनाए और इस सीमा को बढ़ाया जाए।

अंग्रेजी और देसी शराब पर एक्‍साइज ड्यूटी बढा़ने की सिफारिश , सरकार ने मानी

मोंटेक कमेटी की ओर से यह भी सिफारिश की गई है कि अंग्रेजी और देसी शराब पर एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाया जाए जिसे सरकार ने मान लिया है। पंजाब सरकार पर सबसे बड़ा खर्च जो सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन का है। इसके बारे में कमेटी ने सिफारिश की है कि कोई भी नई होने वाली भर्ती अब केंद्रीय वेतनमान पर ही की जाए। अभी तक राज्य सरकार अपना वेतन आयोग गठित करती है।

कमेटी ने पुलिस की भर्तियां कुछ सालों के लिए बंद करने की सिफारिश की

कमेटी ने कहा है कि राज्य सरकार अपने कुल खर्च का 33.5 फीसदी और आमदनी का 42. 4 फीसदी वेतन और पेंशन पर ही खर्च करती है। इसी तरह की एक अन्य जुड़ी सिफारिश में कमेटी ने पुलिस की भर्ती आने वाले कुछ सालों के लिए बंद करने को कहा है। हालांकि सरकार इस सिफारिश से सहमत नहीं है लेकिन कमेटी का कहना है कि विकास की बजाए सुरक्षा पर ज्यादा खर्च करना सही नहीं है जबकि सरकार ऐसा कर रही है।

सरकार ने मानी स्थानीय निकायों की दुकाने किरायेदारों को बेचने की सिफारिश, जल्द बनेगी नोडल एजेंसी

कमेटी ने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों को छुड़वाने के कर्नाटक मॉडल को लागू करने की सिफारिश की है। इस पर पंजाब सरकार का कहना है कि ऐसा किया जा सकता है और इसके लिए एक पॉलिसी बनाने की जरूरत है। कमेटी ने कहा है कि लंबे समय से किराये पर दी गईं नगर पालिकाओं और नगर निगमों की दुकानों का न तो किराया बढ़ाया जा रहा और न ही दुकानदार इसे छोड़ने को राजी हैँ। ऐसी प्रापर्टी को उन्हीं दुकानदारों को बेचने की पॉलिसी बनाने की भी सिफारिश की गई है। कैप्‍टन सरकार ने यह सिफारिश स्वीकार कर ली और कहा है कि जल्द ही एक नोडल एजेंसी बनाई जाएगी जो सारी प्रापर्टी की इन्वेंटरी तैयार करेगी।

जीएसटी की कमजोर कलेक्शन को लेकर भी कमेटी ने सवाल उठाए हैं। कमेटी ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार विभाग में स्पेशलाइज्ड इन्फोर्समेंट विंग स्थापित करे तो कर चोरी करने वालों को पकड सके। कमेटी ने कर्नाटक का उदाहरण देते हुए बताया कि उन्होंने ऐसा विंग स्थापित करके करोड़ाें रुपये की टैक्‍स चोरी को पकड़ा है।

इसके साथ ही कमेटी ने 50 हजार से ज्यादा कन्साइनमेंट के लिए ई-बिल लागू करने की सिफारिश की। उन्होंने कहा कि इस तरह के आईटी आधारित ट्रैकिंग सिस्टम से उन लोगों पर लगाम कसी जा सकेगी जो टैक्स चोरी करके चूना लगाते हैं। इसके अलावा कमेटी ने कई विभागों में रिफार्म्स की भी सिफारिशें की हैँ।

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