चंडीगढ़ की तैयारी अधूरी, कैसी होगी नई शिक्षा नीति पूरी, PTR पूरा करने के लिए टीचर्स नहीं

नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की तैयारी अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। बता दें कि शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों का टोटा है। ऐसे में फरवरी माह में और शिक्षक रिटायर होंगे जिससे शिक्षकों की और कमी बढ़ जाएगी।

By Ankesh KumarEdited By: Publish:Sun, 10 Jan 2021 01:50 PM (IST) Updated:Sun, 10 Jan 2021 01:50 PM (IST)
चंडीगढ़ की तैयारी अधूरी, कैसी होगी नई शिक्षा नीति पूरी, PTR पूरा करने के लिए टीचर्स नहीं
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों की कमी है।

चंडीगढ़, [सुमेश ठाकुर]। फरवरी में संसद के शीत कालीन सत्र में मंजूरी मिलने के बाद अप्रैल 2021 में न्यू एजुकेशन पॉलिसी शुरू होगी। लेकिन चंडीगढ़ शिक्षा विभाग की तैयारी अभी तक अधूरी है। नई शिक्षा नीति में पीपल टीचर रेशो (पीटीआर) काे अहम स्थान दिया गया है। लेकिन शिक्षा विभाग की वर्तमान स्थिति उसी औसत पर मार खा रही है।

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के पास नर्सरी और प्री नर्सरी क्लासों के सात हजार स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए सिर्फ 16 टीचर हैं, इसी प्रकार से पहली से बारहवीं कक्षा के एक लाख 35 हजार स्टूडेंट्स के लिए विभाग के पास मात्र 34 सौ टीचर्स हैं। वर्तमान में शिक्षा विभाग के पास स्टूडेंट-टीचर की रेशो 40-1 है, यानि एक टीचर के पास 40 स्टूडेंट्स हैं।

न्यू एजुकेशन पॉलिसी में ये है स्टूडेंट टीचर रेशो

न्यू एजुकेशन पॉलिसी के अनुसार नर्सरी, प्री नर्सरी और वाटिका क्लास के 25 स्टूडेंट्स पर एक टीचर होगा। उसी प्रकार से पहली से आठवीं कक्षा तक 30 स्टूडेंट्स पर एक टीचर, नौवीं और दसवीं कक्षा के 35 स्टूडेंट्स पर एक टीचर जबकि ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा के लिए 40 से 45 बच्चों पर एक टीचर होना चाहिए। ऐसे में इस औसत को विभाग कैसे पूरा करेगा यह सबसे बड़ा सवाल है।

मार्च तक 32 सौ के करीब रहेंगे टीचर्स

चंडीगढ़ में पंजाब सर्विस रूल्स लागू है। इस नियम के मुताबिक शिक्षकों की रिटायरमेंट की आयु सीमा 58 साल  है। फरवरी के अंत तक करीब 200 अध्यापक रिटायर हो जाएंगे और  मार्च 2021 तक विभाग के पास करीब 32 सौ टीचर्स रहेंगे। इसके बाद शहर के स्कूलों में स्टूडेंट-टीचर रेशो 40 से बढ़कर 42 तक हो जाएगी।

चार साल पहले की भर्ती में से भी कम हो सकते हैं टीचर

शिक्षा विभाग ने वर्ष 2015-2016 में 1150 जेबीटी और टीजीटी टीचर्स की रेगुलर भर्ती की थी लेकिन करीब दो साल के बाद वह भर्ती स्कैम की दायरे में आ गई और 49 टीचर्स पर पेपर लीक करने का आरोप लगा और उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। इसके बाद 11 सौ टीचर्स का मामला पहले कैट, उसके बाद हाई कोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। भर्ती हुए चार साल का समय हो गया है और टीचर्स का प्रोबेशन पीरियड अभी तक क्लीयर नहीं हुआ है। कोर्ट के चक्कर में 11 सौ में से छह सौ के करीब टीचर्स नौकरी छाेड़ चुके हैं और पांच प्रोबेशन पीरियड क्लीयर होने के इंतजार में है। ऐसे में पंजाब सरकार की तरफ से हाल ही में 870 पोस्टों को भरने की नोटिफिकेशन जारी की है, जिसके बाद उम्मीद है कि यदि टीचर्स का प्रोबेशन पीरियड क्लीयर नहीं हुआ तो वर्तमान में काम कर रहे पांच सौ में से डेढ़ से दो सौ टीचर्स अन्य नौकरी छोड़ सकते हैं।

चार साल में दो भर्ती की मंजूरी, लेकिन एक भी नहीं हुई पूरी

वर्ष 2015-2016 में हुई 1150 जेबीटी-टीजीटी टीचर्स की भर्ती के बाद विभाग कोई भी भर्ती करने का नाकामयाब रहा है। वर्ष 2019 में 131 एनटीटी पोस्टाें को भरने की प्रक्रिया शुरू हुई लेकिन 15 महीने पूरे होने के बाद भी वह भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। इसी प्रकार से दिव्यांग स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए 100 टीचर्स की भर्ती के लिए शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी मांगी गई थी जिसमें 96 पोस्टों पर भर्ती की मंजूरी छह जनवरी 2020 को मिली लेकिन एक साल पूरा होने के बावजूद न तो भर्ती के नियम बन सके और न ही भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी हुई।

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