Punjab New CM : पंजाब में नौकरशाही में बदलाव शुरू, कर्मियों को सुबह नौ बजे आना होगा आफिस, हुसनलाल बने सीएम के प्रधान सचिव
चरणजीत सिंह चन्नी के मुख्यमंत्री पद संभालते ही पंजाब की नौकरशाही में बदलाव की चर्चाएं और सुगबुगाहट तेज हाे गई है। आइएएस अधिकारी हुसनलाल को सीएम का प्रधान सचिव बनाया गया है। अन्य अफसरों को भी बदले जाने की चर्चाएं हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब के नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने नौकरशाही में बदलाव शुरू कर दिए हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों को अब सुबह नौ बजे कार्यालय में हाजिर हो जाना होगा। 1995 बैच के आइएएस अफसर हुसन लाल पंजाब के नए सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के प्रिंसिपल सेक्रेटरी होंगे, जबकि वर्ष 2000 बैच के आइएएस अफसर राहुल तिवारी सीएम के विशेष मुख्य सचिव होंगे। इसके साथ ही मुख्य सचिव और डीजीपी को भी बदले जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं। इसके बाद से पंजाब के प्रशासनिक हलके में हलचल तेज हो गई है।
चरणजीत सिंह ने अपना पदभार संभालते ही सभी कर्मचारियों को सुबह नौ बजे सरकारी दफ्तरों में हाजिर होने और दफ्तर के समय तक बने रहने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने विभागों के प्रमुखों से कहा कि हफ्ते में दो बार कर्मचारियों की औचक चेकिंग की जाए।
राहुल तिवारी बने सीएम के विशेष सचिव, नौकरशाही में और बदलाव की चर्चाएं
इंडस्ट्री विभाग के प्रमुख सचिव हुसन लाल को मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया गया है। वह तेजवीर सिंह का स्थान लेंगे। इसके अलावा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के सचिव राहुल तिवारी को स्पेशल प्रिंसिपल सेक्रेटरी बनाया गया है। वह गुरकीरत कृपाल सिंह का स्थान लेंगे। अभी और कई तबादले होने की संभावना है। मुख्य सचिव विनी महाजन और डीजीपी दिनकर गुप्ता ने आज सुबह नए चीफ सेक्रेटरी से शिष्टाचारवश मुलाकात की। उनके भी बदले जाने की चर्चाएं हैं।
दरअसल यह चर्चा तब शुरू हुई जब सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने आज पंजाब भवन में अधिकारियों के साथ मुलाकात की और रवनीत कौर ने सचिवालय में मुख्यमंत्री के साथ। दोनों अधिकारी दो-दो बार मुख्यमंत्री से मिले हैं। हालांकि सूत्रों का कहना है कि डीजीपी दिनकर गुप्ता को बदलना आसान नहीं है क्योंकि नए नियमों के मुताबिक डीजीपी उसी अधिकारी को लगाया जा सकता है जिसके रिटायरमेंट में दो साल पड़े हों और उसके नाम की क्लीयरेंस यूपीएससी से आई हो।
सिद्धार्थ चट्टाेपाध्याय को डीजीपी बनाने में कानूनी पेचिदगियों से निकलने पर चर्चा चलती रही। चट्टोपाध्याय की रिटायरमेंट 31 मार्च 2022 को है। दरअसल अभी एडवोकेट जनरल की नियुक्ति न होने के कारण भी दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि कानूनी पेचिदगियों पर राय देने वाला कोई नहीं है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि अगर दिनकर गुप्ता लंबी छुट्टी पर चले जाते हैं तो सिद्धार्थ चट्टाेपाध्याय को उतने समय तक के लिए डीजीपी बनाया जा सकता है। चट्टोपाध्याय के अलावा वीके भावरा भी लाइन में हैं। उनकी रिटायरमेंट मई 2024 में है।