सकारात्मक सोच ने कोरोना को हराने में की मदद

कोरोना महामारी है इससे हम कोरोना नियमों का पालन करके ही बच सकते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 07:30 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 07:30 AM (IST)
सकारात्मक सोच ने कोरोना को हराने में की मदद
सकारात्मक सोच ने कोरोना को हराने में की मदद

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कोरोना महामारी है, इससे हम कोरोना नियमों का पालन करके ही बच सकते हैं। यदि नियमों के पालन के बावजूद भी किसी को कोरोना हो जाता है तो हम दवा के साथ सकारात्मक सोच और आगे बढ़ने की ललक से ही ठीक हो सकते हैं। यह कहना है बिजनेसमैन मनदीप सिंह का।

मनदीप कोरोना को हराकर पूरी तरह से स्वस्थ होकर सामान्य जीवन में लौट चुके हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी 2021 में कनाडा से भारत आए थे। इसके बाद मार्च में कोरोना हुआ। कोरोना संक्रमण के दौरान मैंने सबसे बुरा समय देखा था क्योंकि मैं अपने काम से दूर था। कनाडा से भारत अपने मां-पिता के पास आया था, लेकिन कोरोना के चलते मैं एक कमरे में बंद होकर रह गया था। उस समय मैंने आगे बढ़ने की सोच रखी, प्लानिग की कि ठीक होने के बाद खुद के बिजनेस में क्या बेहतर कर सकता हूं। अपनों के साथ कैसे समय बिता सकता हूं। मेरा काम भारत के अलावा कनाडा में भी है, इसलिए मैंने दोनों ही तरफ बेहतर करने की प्लानिग की। उसी प्लानिग ने मुझे अकेलापन महसूस नहीं होने दिया और मैं ठीक होकर 15 दिन में सामान्य जीवन में लौट आया।

सकारात्मक रहना जरूरी

मनदीप ने कहा कि सफलता पाने के लिए इंसान को सकारात्मक रहना जरूरी है। यदि मैं सोच लेता कि मुझे कोरोना हो गया और मेरा नुकसान हो गया तो शायद रिकवर नहीं कर सकता था। क्वारंटाइन होने के बाद मैंने सोचा कि यह ब्रेक हर इंसान को जीवन में एक बार जरूर मिलता है और यह मुझे कोरोना से मिला है। बाहर भागने के बजाए एक कमरे में बैठकर अपने आने वाले भविष्य की प्लानिग करता रहा जिसका परिणाम मिला कि बिना परेशानी पूरी तरह से ठीक हो गया हूं। कोरोना होने के बाद घबराने के बजाए यदि इंसान हिम्मत से काम ले और डॉक्टर की बताई हर बात को फॉलो करे तो वह जल्दी ठीक हो सकता है।

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