कृषि कानूनों पर रोक की मियाद बढ़ाने के अमरिंदर के बयान से पंजाब में तेज हुई सियासी हलचल
पंजाब में कृषि कानूनों को अभी लागू नहीं करने की मियाद बढ़़ाने को लेकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान पर राजनीति तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी और शिरोमणि अकाली दल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है।
चंडीगढ़, जेएनएन। Agriculture Laws: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कृषि कानूनों पर राेक की मियाद बढ़ाने के बयान को लेकर विपक्षी दलों के निशाने पर आ गए हैं। इससे पंजाब में सियासी हलचल तेज हो गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है। दोनों पार्टियों ने कहा है कि कैप्टन अमरिंदर केंद्र सरकार के साथ मिले हुए हैं और किसानों के साथ उन्होंने धोखा किया है। दूसरी ओर, कैप्टन अमरिंदर ने कहा कि उनकी बात को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं किया गया।
कैप्टन ने कहा, किसानों की फीडबैक के संदर्भ में कही थी बात, सही ढंग से पेश नहीं की गई
बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा था- ' जहां तक मैं समझता हूं कुछ किसान नेता खेती कानूनों को 18 माह के लिए रोकने के लिए सहमत हैं, यह मियाद 24 माह तक भी बढ़ाई जा सकती है।' उनके इस बयान पर आम आदमी पार्टी व अकाली दल की तीखी प्रतिक्रिया आई। इसके बाद कैप्टन अमरिंदर ने पूरे मामले में सफाई दी।
उन्होंने कहा कि कुछ किसान नेताओं की फीडबैक के संदर्भ में यह बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि कानूनों पर रोक की समय सीमा सरकार व किसानों के बीच लगातार चर्चा का विषय है। उन्होंने दोहराया कि इस मसले का जल्द हल पंजाब की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। पिछले पांच-छह माह में सरहद पार से राज्य में हथियारों की तस्करी में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कृषि कानूनों के मुद्दे पर किसानों के साथ निरंतर खड़ी रहेगी।
आप व शिअद ने कहा- कैप्टन केंद्र सरकार से मिले हुए, किसानों से धोखा किया
वहीं, आप विधायक दल के नेता हरपाल चीमा ने कहा कि कैप्टन ने बार-बार किसान आंदोलन में फूट डालने की कोशिश की और पंजाब के लोगों को गुमराह किया। उन्होंने भाजपा के साथ मिलकर किसान आंदोलन को दबाने की साजिश रची और आंदोलन को कमजोर करने की रणनीति बनाई। आज उनकी साजिश का पर्दाफाश हो चुका है। पंजाब के लोग अब जान चुके हैं कि कैप्टन मोदी-शाह के साथ मिलकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं शिरोमणि अकाली दल ने कैप्टन के बयान की निंदा करते हुए कहा कि वह किसान आंदोलन को कमजोर करना चाहते हैं। वह शुरू से ही केंद्र सरकार के साथ मिले हुए हैं।