गुरनाम चढ़ूनी का सियासी एजेंडा फिर आया सामने, चंडीगढ़ में भी किसानों से चुनाव उतरने की दी दुहाई

हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी का सियासी एजेंडा फिर सामने आया है। चढूनी ने चंडीगढ़ में भी किसानों के सियासत में आने और चुनाव में उतरने की दुहाई दी। वह यहां किसान मजदूर फ्रंट के सेमिनार में आए थे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Wed, 21 Jul 2021 06:24 PM (IST) Updated:Wed, 21 Jul 2021 06:24 PM (IST)
गुरनाम चढ़ूनी का सियासी एजेंडा फिर आया सामने, चंडीगढ़ में भी किसानों से चुनाव उतरने की दी दुहाई
चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते गुरनाम सिंह चढूनी। (जागरण)

चंडीगढ़ , राज्‍य ब्‍यूरो। किसान नेता गुरनम सिंह चढूनी का सियासी एजेंडा फिर सामने आया है। चढ़ूनी ने चंडीगढ़ में भी किसानों के सियासत में उतरने और चुनाव लड़ने की दुहाई दी। चढ़ूनी ने पंजाब के किसानाें से मिशन 2022 को फतेह करने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने पारंपरिक पार्टियों की बजाए अपने में से अच्छे उम्मीदवारों को उतारने की अपील की है।

कहा- संयुक्‍त मोर्चा बर्खास्‍त भी कर दे फिर भी किसानों के लिए काम करता रहूंगा

उनके इन्हीं बयानों के कारण संयुक्त किसान मोर्चा ने उन्हें एक सप्ताह के लिए निलंबित कर दिया था लेकिन आज उन्होंने एक बार अपनी बात दोहराई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अगर उन्हें बर्खास्त भी कर देगा तो भी वह किसानों और मोर्चे के प्रोग्राम को सफल करने के लिए लड़ते रहेंगे।

चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुरनाम सिंह चढूनी। (जागरण)

गुरनाम सिंह चढ़ूनी आज चंडीगढ़ में किसान मजदूर दलित फ्रंट और मनरेगा वर्कर फ्रंट के एक सेमिनार में भाग लेने के लिए आए हुए थे। पत्रकाराें से बातचीत में चढ़ूनी ने पंजाब विधानसभा के चुनाव लड़ने के बारे में पूछे सवाल पर कहा कि यदि चंबल के डाकू चुनाव लड़ सकते हैं तो कर्मठ किसान क्यों नहीं।

बोले- चंबल के डाकू चुनाव लड़ सकते हैं ताे किसान क्‍यों नहीं

उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ने संबंधी पंजाब के लोग जो भी फैसला लेंगे वह उन्हें मंजूर होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब मिशन किसानों और दलितों को एकजुट होकर फतेह करना पड़ेगा। जब उनसे यह पूछा गया कि आप पंजाब में किसानों के चुनाव लड़ने के लिए क्यों उत्सुक हो तो उन्होंने कहा कि पंजाब ने हमेशा लीड किया है। किसान आंदोलन भी पंजाब से ही शुरू हुआ है।

चढ़ूनी ने कहा कि किसानों के चुनाव लड़ने की मेरी अपनी विचारधारा है और मैं इस पर आज भी टिका हुआ हूं। हमें पंजाब में अपने उम्मीदवार खड़े करके जीत हासिल करनी होगी। बाकी जो पंजाब के लोग फैसला लेंगे वह हमें मंजूर होगा। उन्होंने बताया कि उन्होंने हरियाणा सरकार के खिलाफ तीन आंदोलन चलाए हैं पर किसानों के पल्ले कुछ नहीं पड़ा इसलिए किसानों और दबे कुचले लोगों को बचाने के लिए पंजाब के लोगों को खुद अपने उम्मीदवार खड़े करने पड़ेंगे।

चढूनी ने कहा कि मिशन 2024 को फतेह करने से पहले हमें मिशन 2022 को सफल करना ही होगा। उन्होंने कहा कि पंजाब में 500 से ज्यादा किसान शहीद हो चुके हैँ। पंजाब की धरती देश के अन्य हिस्सों से भिन्न है। यहां जाति पाति और मजहबी नफरत दूसरे राज्यों की अपेक्षा कम है।

चढ़ूनी ने कहा कि कांग्रेस देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है इसे पांच जून 2020 से ही तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदाेलन खड़ा करना चाहिए था लेकिन इसने ऐसा नहीं किया और जब किसानों ने दबाव बनाया तभी कानूनों का विरोध करना शुरू किया है।

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