होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने के मामले को दबाने में लगे पुलिस अधिकारी, प्रशासन भी चुप

पुलिस विभाग में वेतन घोटाले में मुख्य आरोपित तत्कालीन सेक्शन ऑफिसर (एसओ) यानि डीडीओ जगदीप सिंह शेहरावत की कांस्टेबल पत्नी के अलावा दो कांस्टेबलों को बिना नियम होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने के मामले को पुलिस के आला अधिकारी दबाने में लगे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 08:15 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 08:15 AM (IST)
होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने के मामले को दबाने में लगे पुलिस अधिकारी, प्रशासन भी चुप
होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने के मामले को दबाने में लगे पुलिस अधिकारी, प्रशासन भी चुप

कुलदीप शुक्ला, चंडीगढ़

पुलिस विभाग में वेतन घोटाले में मुख्य आरोपित तत्कालीन सेक्शन ऑफिसर (एसओ) यानि डीडीओ जगदीप सिंह शेहरावत की कांस्टेबल पत्नी के अलावा दो कांस्टेबलों को बिना नियम होमगार्ड डिपार्टमेंट में मर्ज करने के मामले को पुलिस के आला अधिकारी दबाने में लगे हैं। नियमों के खिलाफ डेपुटेशन वाली पोस्ट पर गलत ढंग से मर्ज करने की जानकारी होने के बावजूद पुलिस अधिकारियों के साथ होमगार्ड डिपार्टमेंट के अधिकारी भी कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। शायद अधिकारी अपने ही विभाग के नियमों के खिलाफ मर्ज करने वाले अधिकारियों को बचाने में लगे हैं। हैरानी की बात है कि पुलिस विभाग में इस लेवल की धांधली, करप्शन और सैलरी चोरी उजागर होने के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी भी चुप बैठे हैं। इससे लगता है कि पुलिस अधिकारियों को मनमर्जी करने का लाइसेंस अधिकारियों के पास प्रशासन की तरफ से मिल चुका है। शेहरावत की पत्नी सुमन पवार, कांस्टेबल जोगिदर पाल सिंह और मनराज सिंह को मर्ज करने की फाइल तत्कालीन डिस्टिक कमांडेंट होमगार्ड डीएसपी राजीव कुमार अंबस्ता ने भेजी थी। कमांडेंट की सहमति के बाद ही पूर्व डीजीपी संजय बेनीवाल ने विलय करने की लिखित मंजूरी दी है। गजब : पुलिस वेतन घोटाले की जांच पुलिस के पास

पुलिस वेतन घोटाले में अब तक 220 के करीब पुलिस जवानों के अकाउंट्स मिल चुके हैं। इन कांस्टेबल-हेड कांस्टेबल में ज्यादातर लोग निर्दोष भी मिले हैं, लेकिन 74 जवानों के सैलरी अकाउंट में दो से तीन बार ज्यादा पैसों का ट्रांजेक्शन मिला है। जबकि 161 जवानों के अकाउंट में एक-एक बार ज्यादा पैसों का ट्रांजेक्शन हुआ है। गजब की बात है कि पुलिस जवानों की जांच पुलिस विभाग के अधिकारी ही स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम बना करने में लगे है। यह भी नियमों के उलट है। 25 मार्च 2020 की एफआइआर, नए डीजीपी के आते ही गिरफ्तारी

25 मार्च 2020 को सेक्टर-3 थाना पुलिस ने मामले में सुधीर पराशर की शिकायत पर तत्कालीन डीडीओ जगदीप सिंह शेहरावत को मुख्य आरोपित बनाकर विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। पुलिस ने 420, 468, 471, 120बी, प्रिवेंटिव ऑफ करप्शन एक्ट 13(1)(बी) और 13(2) की धारा दर्ज की है। तत्कालीन प्रशासक वीपी सिंह बदनौर के आदेशों पर केस दर्ज होने के बाद भी लंबे समय तक जांच चलती रही। अब डीजीपी प्रवीर रंजन के ज्वाइन करते ही मामले में जूनियर असिस्टेंट और होमगार्ड की गिरफ्तारी हो गई।

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