चंडीगढ़ जिला अदालत में सिर्फ जरूरी केसों की हो रही फिजिकल हियरिंग, वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हो रहे अपराधी

कोरोना संक्रमण के चलते अब चंडीगढ़ जिला अदालत में केवल जरूरी केसों की ही फिजिकल सुनवाई हो रही है। हाई कोर्ट की ओर से जिला अदालत के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज को लिखित में कहा गया था कि वो अपने स्तर पर केसों की सुनवाई करने की योजना बनाएं।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 09:00 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 09:00 AM (IST)
चंडीगढ़ जिला अदालत में सिर्फ जरूरी केसों की हो रही फिजिकल हियरिंग, वीडियो कांफ्रेंसिंग से पेश हो रहे अपराधी
चंडीगढ़ सेक्टर 43 स्थित जिला अदालत की फाइल फोटो।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के चलते अब चंडीगढ़ जिला अदालत में केवल जरूरी केसों की ही फिजिकल सुनवाई हो रही है। हाई कोर्ट की ओर से जिला अदालत के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज को लिखित में कहा गया था कि वो अपने स्तर पर केसों की सुनवाई करने की योजना बनाएं। इसके बाद से जिला अदालत में सिर्फ जरूरी केसों की ही सुनवाई हो रही है।

इससे कोर्ट परिसर में न तो लोगों की भीड़ एकत्रित होगी और न ही संक्रमण का खतरा होगा। गौरतलब है कि जिला अदालत में रोजाना 500 से ज्यादा लोग आते हैं। अप्रैल तक कोर्ट में सभी केसों की फिजिकल सुनवाई हो रही थी लेकिन अब सिर्फ जरूरी केस की ही फिलिकल सुनवाई की जा रही है। इसके अलावा अभी तक वकीलों को रोटेशन पॉलिसी के तहत आने के लिए कोई ऑर्डर जारी नहीं किया गया है।

फरवरी में शुरू हुई फिजिकल हियरिंग

बीते साल कोरोना के बाद अदालत में फिजिकल हियरिंग बंद कर दी गई थी, जिसके बाद फरवरी 2021 में जिला अदालत में सभी केसों की फिजिकल हियरिंग शुरू हुई थी। इसके अलावा उन केसों में लोगों काे कोर्ट में एंट्री दी जा रही थी जिसमें लिटीगेंट (केस दायर करने वाले या जिसके खिलाफ केस दाखिल हुआ) शामिल थे। कोर्ट खुलने के बाद ऐसे केसों की बड़ी संख्या सुनवाई हो रही थी।

जरूरत पड़ने पर आरोपितों को बुलाया जाएगा कोर्ट

जिला अदालत में पेशी पर आने वाले आरोपितों की भी एंट्री बंद कर दी गई हैं। वहीं विडियो कांफ्रेंसिंग से अपराधियों की हाजिरी लग रही है। जो आरोपित जमानत पर बाहर हैं उसको भी हाजिरी के लिए कोर्ट आने की जरूरत नहीं है। जो आरोपित जेल में बंद हैं उनके लिए जज सुनवाई की अगली तारीख दे रहे हैं। फिलहाल स्टे और बेल जैसे जरूरी केसों की ही सुनवाई हो रही है। रूटीन केस में जज केवल अगली तारीख ही डाल रहे हैं।

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