पीजीआइ अब चंडीगढ़ और कटक के बच्चों के दांतों को बचाएगा सड़न से

पीजीआइ डेंटल डिपार्टमेंट के डॉक्टर अब चंडीगढ़ और कटक कि बच्चों के दांतों का बचाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 15 Oct 2019 09:20 PM (IST) Updated:Fri, 18 Oct 2019 06:24 AM (IST)
पीजीआइ अब चंडीगढ़ और कटक के बच्चों के दांतों को बचाएगा सड़न से
पीजीआइ अब चंडीगढ़ और कटक के बच्चों के दांतों को बचाएगा सड़न से

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पीजीआइ डेंटल डिपार्टमेंट के डॉक्टर अब चंडीगढ़ और कटक के बच्चों के दांतों को सड़न से बचाने का प्रयास करेंगे। इसके लिए डिपार्टमेंट की ओर से दोनों शहरों में व्यापक जागरूकता और ट्रेनिग कार्यक्रम चलाए जाएंगे। वहां की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से बच्चों व उनकी माताओं को दांतों की सुरक्षा संबंधी जानकारी दी जाएगी। अगर यह ट्रायल सफल रहा तो इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। डेंटल हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार देश के 50 प्रतिशत बच्चे दांतों की सड़न की समस्या से ग्रस्त हैं। इसलिए इसे दूर करना बेहद जरूरी है। क्योंकि इससे वे गंभीर बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। यह जानकारी पीजीआइ ओरल हेल्थ साइंटिस्ट सेंटर पीजीआइ के एचओडी डॉ. के गाबा और पीडियाट्रिक डेंटिस्ट डॉ. आशिमा गाबा ने मंगलवार को एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में दी। इस अवसर पर चंडीगढ़ की 100 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेनिग भी दी गई। डेंटल केयर के लिए प्रोजेक्ट हुआ लांच

डेंटल केयर के क्षेत्र में पीजीआइ की ओर से पूर्व में किए गए कार्यो को देखते हुए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से विशेष प्रोजेक्ट सौंपा गया है। कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित सोशल वेलफेयर के सेक्रेटरी बीएल शर्मा ने प्रोजेक्ट की लॉचिग की। डॉ. आशिमा ने बताया कि इसके लिए तीन करोड़ का बजट दिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत दोनों शहरों में तीन सालों तक व्यापक जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। तीन साल की रिपोर्ट के आधार पर उसे देशभर में लागू करने का निर्णय लिया जाएगा। आंगनबाड़ी के साथ मां और बच्चे की भी होगी ट्रेनिग

डॉ. के गाबा ने बताया कि तीन सालों के दौरान दोनों शहरों क सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर रजिस्टर्ड बच्चों का डाटा लिया जाएगा। उनके दांतों संबंधी समस्याओं का ब्यौरा लिया जाएगा। फिर उनपर काबू के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को ट्रेंड किया जाएगा। उन्हें मैनुअली के साथ ही पोस्टर ओर ब्रॉशर के माध्यम से जानकारी दी जाएगी। वे अपने केंद्रों पर आने वाली माताओं के साथ ही बच्चों को भी दांतों संबंधी जानकारी देंगी। हरा 15 दिन पर माताओं के लिए विशेष ट्रेनिग होगा। 6 महीने पर हमारे डॉक्टर उसका फॉलोअप करेंगे। माताओं को अलर्ट मैसेज भी भेजे जाएंगे। फिर उस ट्रेनिग की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

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