चंडीगढ़ में पीजीआइ के एक्सपर्ट यूटी के डॉक्टरों को वीडियो कान्फ्रेंस में रोजाना देंगे टिप्स

चंडीगढ़ में प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने पीजीआइ जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 तीनों के टॉप डॉक्टरों को रोजाना वीडियो कान्फ्रेंस कर चर्चा करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें वह गंभीर मरीजों के ट्रीटमेंट का विश्लेषण करें। यह वीडियो कान्फ्रेंसिंग आज शुरू हो जाएगी।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 11 May 2021 12:24 PM (IST) Updated:Tue, 11 May 2021 12:24 PM (IST)
चंडीगढ़ में पीजीआइ के एक्सपर्ट यूटी के डॉक्टरों को वीडियो कान्फ्रेंस में रोजाना देंगे टिप्स
पीजीआइ के एक्सपर्ट यूटी के डॉक्टरों को रोजाना देंगे टिप्स।

चंडीगढ़, जेएनएन। कोरोना का नया वेरिएंट लगातार म्यूटेशन के बाद खतरनाक हो रहा है। जिस वजह से इसके इलाज के लिए भी लगातार बदलाव की जरूरत है। यह बदलाव एक्सपर्ट अपने अनुभवों के आधार पर एक दूसरे से साझा कर शुरू कर सकते हैं। इससे कोरोना महामारी पर काबू पाने में सहायता मिलेगी। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर ने कहा कि कोरोना नए वेरिएंट्स और म्यूटेशन के साथ नई बीमारी है यह तथ्य ध्यान में रखते हुए ट्रीटमेंट को रोजाना अपडेट करना जरूरी है। बदनौर ने पीजीआइ, जीएमसीएच-32 और जीएमएसएच-16 तीनों के टॉप डॉक्टरों को रोजाना वीडियो कान्फ्रेंस कर चर्चा करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें वह गंभीर मरीजों के ट्रीटमेंट का विश्लेषण करें।

पीजीआइ के सीनियर डॉक्टरों को दूसरे अस्पतालों को न्यू मेडिकेशन और अपडेट प्रोटोकॉल की जानकारी दें। बदनौर ने कहा कि मौत के हर मामले का ऑडिट होना चाहिए। जिससे इलाज को बेहतर किया जा सके और अगर कहीं कोई कमी रही उसे दूर किया जा सके। यह वीडियो कान्फ्रेंसिंग मंगलवार से ही शुरू हो जाएगी। जिसमें वह एक दूसरे से अनुभव साझा करेंगे। पीजीआइ चंडीगढ़ में इस समय पांच से अधिक राज्यों के मरीज उपचाराधीन हैं। पीजीआइ के सीनियर डॉक्टर इन मरीजों के इलाज में जो प्रोटोकॉल अपना रहे हैं। जैसे बदलाव कर रहे हैं वह यूटी हेल्थ डिपार्टमेंट के सभी अस्पतालों के साथ साझा करेंगे।

साथ ही यूटी हेल्थ डिपार्टमेंट के सीनियर डॉक्टर भी अपनी राय रखेंगे। इससे बेहतर निष्कर्ष निकलेगा जो मरीजों की जान बचाने में काम आएगा। चंडीगढ़ में भी यूके वेरियंट की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। लेकिन अब म्यूटेशन के बाद जो इंडियन वेरियंट सामने आया है वह ज्यादा खतरनाक बताया जा रहा है। इसलिए अब म्यूटेशन का पता करने के लिए सैंपल वायरोलॉजी लैब पुणे भेजे जाएंगे। जिससे वायरस के बदलाव का पता लगाया जा सके।

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