कोरोना की दूसरी लहर में 61 फीसद संक्रमितों में मिला डेल्टा वैरिएंट, 30 फीसद हुए एल्फा वैरिएंट के शिकार
पीजीआइ के निदेशक प्रो. जगतराम ने कहा कि दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) के चपेट में सबसे ज्यादा लोग आए। 61 फीसद कोरोना संक्रमित मरीजों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। राहत की बात है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट की किसी भी सैंपल में नहीं मिला है।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) के चपेट में सबसे ज्यादा लोग आए। 61 फीसद कोरोना संक्रमित मरीजों में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है। यह कहना है पीजीआइ के निदेशक प्रो. जगतराम का। उन्होंने बताया डेल्टा वैरिएंट के अलावा 30 फीसद संक्रमित मरीजों में अल्फा वैरिएंट (बी.1.1.7) की पुष्टि हुई है। पीजीआइ की ओर से संक्रमित मरीजों के नेशनल सेंटर फॉर डीजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) नई दिल्ली को भेजे गए कोविड सैंपल की टेस्टिंग के दौरान रिपोर्ट में इसका पता चला है।
प्रो. जगतराम ने कहा, अब तक शहर में डेल्टा प्लस वैरिएंट की किसी भी कोविड सैंपल में पुष्टि नहीं हुई है लेकिन लोगों को तीसरी लहर को लेकर सतर्क रहना चाहिए। लोगों को कोविड नियमों का मुंह पर मास्क और शारीरिक दूसरी के साथ अपना टीकाकरण अनिवार्य रूप से कराना चाहिए। ताकि कोरोना संक्रमण की बढ़ती चेन को तोड़ा जा सके।
एनसीडीसी को भेजे सैंपल में 92 फीसद शहर के थे
नेशनल सेंटर फॉर डीजिज कंट्रोल (एनसीडीसी) को कोरोना की दूसरी लहर में भेजे गए सैंपल में 92 फीसद चंडीगढ़ के लोगों के थे। 5 से 24 मई, 2021 के बीच लिए गए 25 कोविड सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इन सैंपल में से अधिकतर में डेल्टा वैरिएंट (बी.1.617.2) की पुष्टि हुई है।
पीजीआइ में 2.50 लाख लोगों का हुआ कोविड टेस्ट
पीजीआइ का वायरोलॉजी विभाग मार्च 2020 से अब तक 2.50 लाख लोगों का कोविड टेस्ट कर चुका है।पीजीआइ में इस समय 164 कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें 93 पुरुष और 66 महिलाएं हैं।12 साल तक के 10, 13 से 39 साल तक के 34, 40 से 59 साल तक के 65, 60 से 79 उम्र के 49 और 80 साल से अधिक उम्र के एक संक्रमित मरीज एडमिट हैं।
पीजीआइ में 80 फीसद मरीजों की अल्फा वैरिएंट से मौत
एकेडेमिक्स डीन और नेहरू अस्पताल विस्तार खंड में बनाए गए कोविड वार्ड के इंचार्ज प्रो. जीडी पुरी ने बताया कि पीजीआइ से जो सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे, उनमें अधिकतर डेल्टा वैरिएंट शामिल थे। इसके बावजूद चौंकाने वाले तथ्य ये है कि पीजीआइ में अब तक कोरोना संक्रमण से जिन लोगों की मौत हुई, उनमें 80 फीसद में अल्फा वैरिएंट की पुष्टि हुई है।
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