PGI Chandigarh डायरेक्टर बोले- सितंबर लास्ट तक आएगी कोरोना की तीसरी लहर, हर आयुवर्ग होगा प्रभावित

कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona ) शहर में सितंबर के अंत तक दस्तक देगी। तीसरी लहर से बच्चे ही नहीं बल्कि सभी आयु वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। संक्रमण का खतरा बच्चों के साथ युवाओं और बुजुर्गों पर भी पड़ेगा। यह कहना है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:29 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:29 AM (IST)
PGI Chandigarh डायरेक्टर बोले- सितंबर लास्ट तक आएगी कोरोना की तीसरी लहर, हर आयुवर्ग होगा प्रभावित
पीजीआइ चंडीगढ़ डायरेक्टर प्रो. जगतराम। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। कोरोना की तीसरी लहर (Third Wave of Corona ) शहर में सितंबर के अंत तक दस्तक देगी। तीसरी लहर से बच्चे ही नहीं, बल्कि सभी आयु वर्ग के लोग प्रभावित होंगे। संक्रमण का खतरा बच्चों के साथ युवाओं और बुजुर्गों पर भी पड़ेगा। यह कहना है पीजीआइ चंडीगढ़ (PGI Chandigarh) के निदेशक प्रो. जगतराम का।

प्रो. जगतराम ने कहा ये जरूर है कि तीसरी लहर बच्चों पर अधिक प्रभाव डाल सकती है। क्योंकि देश में अब तक बच्चों का टीकाकरण शुरू नहीं हुआ। बच्चों के टीकाकरण के लिए कोविड वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। जोकि अगस्त तक पूरा होगा। अगर सितंबर तक देश में बच्चों का टीकाकरण शुरू हो जाता है। बावजूद बच्चों में संक्रमण का खतरा अधिक रहेगा। क्योंकि तब तक सभी बच्चों के टीकाकरण की प्रक्रिया को पूरा नहीं किया जा सकता।

शहर में दो से 17 साल तक की तीन लाख आबादी

शहर में दो साल से लेकर 17 साल तक के बच्चों व युवाओं की जनसंख्या करीब तीन लाख है। बच्चों के टीकाकरण में कम से कम छह महीने का समय लग सकता है। ऐसे में तीसरी लहर में बच्चों को सुरक्षित रखना डॉक्टरों और हेल्थ केयर वर्करों के लिए बड़ी चुनौती है। प्रो. जगतराम ने कहा 18 साल से उपर के जो लोग है और कोविड वैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके हैं। वे लोग तीसरी लहर में संक्रमण की चपेट में आने से 90 फीसद तक सुरक्षित हैं। लेकिन अगर कोविड नियमों का पालन जैसे मुंह पर मास्क, शारीरिक दूरी, सेनेटाइजर का प्रयोग और भीड़-भाड़ वाले इलाके में जाने से परहेज नहीं किया गया। तो जो लोग टीकाकरण करा चुके हैं, उनमे भी संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

बच्चों को कोरोना से है बचाना तो अभिभावक जरूर कराएं टीकाकरण

प्रो. जगतराम ने बताया कि यूं तो छोटे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत अच्छी होती है, लेकिन कोरोना संक्रमण काफी घातक है। ऐसे में छोटे बच्चों को इस संक्रमण की चपेट से बचाना है तो अभिभावकों को अपना टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। जिस घर में छोटे बच्चे हैं या दो साल से 17 साल तक के बच्चे व युवा हैं। उस घर के सभी बड़े-बुजुर्गों का अपना टीकाकण कराना चाहिए।

बच्चों के लिए 100 ऑक्सीजन बेड का पीजीआइ में बंदोबस्त

प्रो. जगतराम ने कहा पीजीआइ के नेहरू अस्पताल विस्तार खंड में इस समय बच्चों के लिए 50 ऑक्सीजन बेड का कोविड वार्ड है। अब 100 ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था कर दी है। इस समय 80 वेंटिलेटर जनरल कोविड वार्ड और 10 वेंटिलेटर पीडियाट्रिक कोविड वार्ड में है। जरूरत पड़ने पर बच्चों के कोविड वार्ड में वेंटिलेटर की संख्या 10 से 30 तक कर दी जाएगी। तीसरी लहर में कोरोना संक्रमित मरीजों को ऑक्सीजन की कमी की वजह से जूझना न पड़े, इसके लिए तीन ऑक्सीजन प्लांट शुरू किए जा रहे है। इन तीन ऑक्सीजन प्लांट के जरिए तीन हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन पैदा होगी।

पीजीआइ में इस समय किस आयु के कितने संक्रमित मरीज

0-12 साल तक 13

13-39 साल तक 47

40-59 साल तक 76

60-79 साल तक 44

80 साल से ऊपर 01

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