PGI प्रशासन ने मानी कर्मचारियों की मांग, कार्य बहिष्कार स्थगित Chandigarh News

पीजीआइ डायरेक्टर ने सोमवार की शाम विरोध मार्च के पहले ही बोनस भुगतान किये जाने की घोषणा कर दी। जिसके बाद पीजीआइ इंप्लाई यूनियन ने विरोध को स्थगित कर दिया।

By Vikas KumarEdited By: Publish:Tue, 22 Oct 2019 12:02 PM (IST) Updated:Tue, 22 Oct 2019 05:29 PM (IST)
PGI प्रशासन ने मानी कर्मचारियों की मांग, कार्य बहिष्कार स्थगित Chandigarh News
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चंडीगढ़, जेएनएन। पीजीआइ प्रशासन ने कर्मचारियों के बोनस भुगतान की मांग को मान लिया है। इसकी घोषणा होने के बाद पीजीआइ इंप्लाई यूनियन की ओर से मंगलवार को होने वाले पूर्व घोषित कार्य बहिष्कार को स्थगित कर दिया गया है।

पीजीआइ इंप्लाई यूनियन के प्रेसीडेंट अश्वनी कुमार मुंजाल का कहना है कि बार-बार डिमांड किये जाने के बावजूद कर्मचारियों के बोनस का भुगतान नहीं किया जा रहा था। मुंजाल ने कहा कि पीजीआइ स्टाफ को पिछले 30 साल से बोनस मिल रहा है, लेकिन फाइनेंशियल एडवाइजर के रवैये के कारण इस साल बोनस के भुगतान में बाधा आ रही है। विरोध स्वरूप यूनियन ने सोमवार को मार्च निकालकर रोष व्यक्त करने की तैयारी की थी। जिसके अगले क्रम में मंगलवार को कार्य बहिष्कार किया जाना था। लेकिन पीजीआइ डायरेक्टर ने सोमवार की शाम विरोध मार्च के पहले ही बोनस भुगतान किये जाने की घोषणा कर दी। जिसके बाद विरोध को स्थगित कर दिया गया है। 

बता दें कि यूनियन के पदाधिकारियों का तर्क था कि एम्स के कर्मचारियों को बोनस का भुगतान किया जा रहा है, लेकिन उन्हें नहीं। रोगियों और जनता से फीस से हर साल 140 करोड़ रुपए पीजीआइ को मिल रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। ऐसे में मंगलवार को अगर कर्मचारी अपनी मांग को लेकर हड़ताल पर जाते, तो इसका सीधा असर अस्पताल के कामकाज और मरीजों पर पड़ता। ऐसे में समय रहते पीजीआइ प्रशासन ने कर्मचारियों के बोनस को हरी झंडी दे दी।

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