पेट एप्रिसिएशन वीकः चंडीगढ़ की डॉ. नीरजा चावला ने अपने पेट डॉग की याद में घर में बनवाया म्यूरल

चंडीगढ़ की फोरएवर फ्रेंड्स फाउंडेशन की ओर से शनिवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पेट एप्रिसिएशन वीक के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में पेट लवर्स ने अपने अनुभवों को साझा किया। डिप्टी कमिश्नर सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कमिश्नरी डॉ. भूपेश सतीजा कार्यक्रम के मुख्यातिथि थे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 10:54 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 10:54 AM (IST)
पेट एप्रिसिएशन वीकः चंडीगढ़ की डॉ. नीरजा चावला ने अपने पेट डॉग की याद में घर में बनवाया म्यूरल
अपने पेट डॉग की याद में घर पर बनवाए म्यूरल के साथ डॉ. नीरजा चावला ।

चंडीगढ़, जेएनएन। चंडीगढ़ की फोरएवर फ्रेंड्स फाउंडेशन की ओर से शनिवार को एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पेट एप्रिसिएशन वीक के नाम से आयोजित इस कार्यक्रम में पेट लवर्स ने अपने अनुभवों को साझा किया। एक शोध के अनुसार कोरोना काल में स्ट्रे डॉग्स के प्रति लोगों की भावना और नजरिए में काफी बदलाव देखने को मिला। यह शोध जेसिका ली ओलिवा ने किया है, जिन्हाेंने इस शोध को कार्यक्रम में सभी के साथ साझा किया। फोरएवर फ्रेंड्स के संस्थापक निदेशक विकास लूथरा ने कहा कि कोविड और लॉकडाउन के दौरान पालतू जानवर बिना शर्त प्यार का एक बड़ा स्रोत रहे हैं और उन्होंने अवसाद और तनाव सहित उनके मनोवैज्ञानिक पहलू में मनुष्यों की मदद की है।

डिप्टी कमिश्नर, सेंट्रल गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स कमिश्नरी डॉ. भूपेश सतीजा पेट एप्रिसिएशन सेलिब्रेशन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि बेजुबान जानवरों के प्रति प्यार और स्नेह का भाव लॉकडाउन में ज्यादा देखने को मिला। जब पूरा देश बंद था तो पेट लवर्स ने पुलिस और प्रशासन की मदद से इन्हें खाना पहुंचाया। वहीं उपायुक्त सीमा शुल्क डॉ. राजेश राय ने कहा कि उनके डॉग स्निफ्फी की कुछ महीने पहले मौत हुई थी, जिसके बाद उसकी हर हरकत उनके दिल में बैठी हुई है। काम के बाद वह हमेशा दरवाजे पर बैठ मेरा इंतजार करती थी। चंडीगढ़ के पास उसकी समाधी बनाई है और उनका परिवार हर सप्ताह के अंत में वहां जाते है।

वही डॉ. नीरजा चावला ने अपनी पेट डॉग के स्मृति में अपने घर की दीवार पर उसका म्यूरल बनवाकर उसे अपनी यादों में संजोए रखा है और सभी को जानवरों को अपनाने का संदेश दिया। इस दौरान नीरजा ने कहा कि पालतू जानवर भी हमारे परिवार का ही एक हिस्सा होते हैं। उनके पेट डॉग की मौत के बाद उन्होंने जिस तरह से एक परिवार के सदस्य को विदाई दी जाती है बिल्कुल उसी तरह से उसी विदाई दी। उसकी याद में जो म्यूरल बनवाया गया है उससे वह हमेशा ही उनके परिवार से जुड़ी रहती हैं।

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