स्कीम के तहत फ्लैट नहीं देने पर प्रशासन के खिलाफ कोर्ट पहुंचे लोग

वर्ष 2006 में चंडीगढ़ प्रशासन स्माल फ्लैट स्कीम लेकर आया था।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Oct 2020 07:30 AM (IST) Updated:Sun, 25 Oct 2020 07:30 AM (IST)
स्कीम के तहत फ्लैट नहीं देने पर प्रशासन के खिलाफ कोर्ट पहुंचे लोग
स्कीम के तहत फ्लैट नहीं देने पर प्रशासन के खिलाफ कोर्ट पहुंचे लोग

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : वर्ष 2006 में चंडीगढ़ प्रशासन स्माल फ्लैट स्कीम लेकर आया था। इस स्कीम के तहत शहर के आर्थिक रूप से गरीब लोगों को फ्लैट दिए जाने थे। इसके लिए प्रशासन ने सर्वे करवाया था और कहा था कि जिन लोगों कि बायोमेट्रिक और वोटर लिस्ट में नाम हैं, उन्हें उनके नाम पर फ्लैट अलॉट किया जाएगा और शिफ्ट किया जाएगा। इसके बाद कई लोगों को तो फ्लैट दिए गए लेकिन कई लोग तब से सेक्टर-52 और 56 में टीन कॉलोनी में रह रहे हैं। टीन कॉलोनी में रहने वाले करीब 96 लोगों ने अब प्रशासन के खिलाफ जिला अदालत में सिविल सूट दायर किया है। याचिककर्ताओं को न्याय दिलाने के लिए उनका मुफ्त में केस लड़ रही वकील दीपा दूबे ने बताया कि उस समय प्रशासन ने कहा था कि जिन लोगों को अभी फ्लैट अलॉट नहीं हो सका है, उन्हें फ्लैट अलॉट होने तक यहीं टीन कॉलोनी में रहने दिया जाएगा। दीपा ने बताया कि मलोया में कई फ्लैट खाली पड़े हैं। सभी याचिककर्ताओं का नाम बायोमेट्रिक और वोटर लिस्ट में भी शामिल है। लेकिन उन्हें उनके नाम पर फ्लैट अलॉट करने के बजाय प्रशासन अब प्रधान मंत्री आवास योजन के तहत तीन हजार रुपये लाइसेंसिग फीस पर फ्लैट दे रहा है। इसके साथ ही जबरदस्ती लोगों की टीन कॉलोनी तोड़ने की बात की जा रही है। दीपा ने बताया कि याचिकाकर्ता बहुत ही गरीब है और कोरोना महामारी की वजह से तीन हजार रुपये प्रति महीना दे पाने में असमर्थ हैं। इसलिए उन्होंने अब यह केस दायर किया है, जिस पर अदालत ने छह नवंबर के लिए प्रशासन और चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड के चेयरमैन को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के लिए कहा है। एस्टेट ऑफिस ने कराया था सर्वे

एस्टेट ऑफिस ने एक एजेंसी द्वारा 2006 में गरीबों को आवास देने के लिए एक सर्वे कराया था। इसमें 23 हजार 841 लोगों को आवास के लिए पात्र पाया गया था। इसके बाद एस्टेट ऑफिस ने ग्राउंड लेवल पर सर्वे कराया। सभी कागजात मिलाने पर 17 हजार से अधिक लोगों को पात्रता सूची में रखा गया था। तब से इन लोगों को आवास के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।

chat bot
आपका साथी