सिटी ब्यूटीफुल के लोगों की याददाश्त हो रही कमजोर, बदलते लाइफस्टाइल ने बढ़ाया अल्जाइमर का खतरा
पीजीआइ के मुताबिक एक दशक पहले शहर में रहने वाले बुजुर्गो में ये बीमारी केवल छह प्रतिशत तक थी। अब यह आंकड़ा 10 साल में बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। सिटी ब्यूटीफुल चंडीगढ़ के लोगों की याददाश्त कमजोर होती जा रही है। 60 से 70 साल की वृद्धावस्था उम्र में पहले लोगों को भूलने की बीमारी सामने आती थी। लेकिन अब 50 साल की उम्र के बाद से ही लोगों की याददाश्त कमजोर हो जाने के मामले सामने आने लगे हैं। पीजीआइ चंडीगढ़ के मुताबिक अब 50 साल की उम्र के बाद लोगों में अल्जाइमर का खतरा देखने को मिल रहा है। लोगों के बदलते लाइफस्टाइल, पौष्टिक आहार न खाने और देर रात तक जागने जैसी आदतों ने लोगों में अल्जाइमर का खतरा बढ़ा दिया है। पीजीआइ के मुताबिक एक दशक पहले शहर में रहने वाले बुजुर्गो में ये बीमारी केवल छह प्रतिशत तक थी। अब यह आंकड़ा 10 साल में बढ़कर 15 प्रतिशत तक पहुंच चुका है।
पीजीआइ में की गई स्टडी के मुताबिक 60 से 70 साल या इससे ज्यादा उम्र के हर तीसरे व्यक्ति को अल्जाइमर है। देश में 37 लाख से अधिक लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। अगर आकड़े ऐसे ही रहे तो 2026 तक देश में अल्जाइमर से पीड़ित लोगों की संख्या 90 लाख से अधिक हो जाएगी। अभी इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए कोई कारगर दवा नहीं है। मार्केट में उपलब्ध दवाएं काफी महंगी होने के साथ-साथ उनका शरीर पर साइड इफेक्ट अधिक होता है।
पंजाब यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर तैयार कर रहे हैं अल्जाइमर की खास ड्रग्स
पंजाब यूनिवर्सिटी के सीनियर प्रोफेसर और फार्मा इंडस्ट्री के साइंटिस्ट प्रो. भूपेंदर सिंह भूप और उनकी टीम ने अल्जाइमर की खास ड्रग्स तैयार करने में सफलता हासिल की है। पीयू में यह दवा करीब पिछले आठ साल से तैयार की जा रही थी। इसका ट्रायल कर लिया गया है। जिसके परिणाम संतोषजनक रहे हैं। जल्द ही ये अल्जाइमर की बीमारी के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी की टीम दवा मार्केट में लाएगी। प्रो. बीएस भूप के अनुसार दवा को नोज टू ब्रेन डिलीवरी सिस्टम के तहत इस्तेमाल किया जा सकेगा। नई दवा कई मामलों में खास है। इसे नाक में पेंच से मरीज के दिमाग तक पहुंचाया जाएगा। इनहेलर या लिक्विड तरीके से भी इसे प्रयोग में लाया जा सकेगा। बेहतर रिजल्ट के लिए दवा को नैनो स्ट्रक्चरल सिस्टम से तैयार किया गया है।