लोग लुटते हैं तो लुटते रहें, हमें क्या
प्रशासन की ओर से रोजाना सब्जी और फल के रेट तय किए जाने के बावजूद शहरवासी लूटे जा रहे हैं। वेंडर्स और विक्रेताओं की ओर से लोगों से मनमाना रेट वसूले जा रहे हैं।
राजेश ढल्ल, चंडीगढ़
प्रशासन की ओर से रोजाना सब्जी और फल के रेट तय किए जाने के बावजूद शहरवासी लूटे जा रहे हैं। वेंडर्स और विक्रेताओं की ओर से लोगों से मनमाना रेट वसूले जा रहे हैं। ऐसे में मार्केट कमेटी की ओर से रेट तय करने की प्रक्रिया महज खानापूर्ति रह गई है। ऐसा नहीं कि इसकी जानकारी आला अधिकारियों को नहीं है। फिर भी मनमाना रेट वसूलकर रहे वेंडर्स और विक्रेताओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। स्थिति यह है कि फल और सब्जी विक्रे ता तय रेट से डेढ़ से दो गुनेअधिक रेट पर अपना माल बेच रहे हैं।
विडंबना यह है कि प्रशासन और नगर निगम तक शहरवासी इसकी शिकायत भी कर चुके हैं, लेकिन अधिकारियों ने पूरी तरह से इस लूट पर चुप्पी साधी हुई है।
मार्केट कमेटी ने शनिवार को टमाटर के रेट 20 से 30 रुपये किलो तय किए। लेकिन जब सेक्टर-23 और धनास में दो अलग अलग विक्रेता से रेट पूछा गया तो इसे 60 रुपये किलो बताया गया। विक्रेताओं को जब सरकारी लिस्ट की जानकारी दी गई तो उन्होंने कहा कि यह होलसेल के रेट है। मंडी में टमाटर को एक क्रेट 1400 से 1600 रुपये में बिक रहा है। ऐसे में यह किस तरह से 20 रुपये प्रति किलो बिक सकता है।
जब मार्केट कमेटी के कर्मचारी से पूछा गया तो पता चला कि होलसेल में 20 से 22 किलो वाला टमाटर का क्रेट 400 रुपये में बिक रहा। अपनी मंडी में ओवरचार्जिंग करने पर काटा जाता है चालान
शहर में हर दिन अपनी मंडियां लगती हैं। यहां पर भी मंडी बोर्ड की ओर से रेट तय कर प्रवेश द्वार पर लगे बोर्ड पर चस्पा किया जाता है। अगर यहां पर कोई वेंडर या किसान ओवरचार्जिंग करता है तो उसका चालान काटा जाता है। बार-बार ऐसा करने पर उस विक्रेता को मंडी में कारोबार करने की मंजूरी नहीं दी जाती। मार्केट कमेटी के अनुसार वेंडर्स नगर निगम के नियंत्रण में काम करते हैं। ऐसे में शहर में मनमाना रेट वसूलने वाले वेंडर्स पर उन्हें ही कार्रवाई करनी चाहिए। मार्केट कमेटी के सचिव जरनैल सिंह मावी का कहना है कि उनकी ओर से हर दिन सब्जी और फल का रिटेल में रेट तय किया जाता है, लेकिन वह यहां से शहर में सब्जी और फल बेचने के लिए चले जाते हैं। ऐसे में शहर में हो रही ओवरचार्जिंग पर कार्रवाई करने का अधिकार उन्हें नहीं है। शहरवासियों के साथ हर दिन लूट हो रही है। प्रशासन ने पूरी तरह से चुप्पी साधी हुई है। रेट तय करने की प्रक्रिया खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नहीं है। प्रशासक वीपी सिंह बदनौर को इस संबंध में विभाग को कार्रवाई करने के लिए निर्देश देने चाहिए।
- बलजिदर सिंह बिट्टू, अध्यक्ष, फासवेक। उनके पास भी ओवरचार्जिग की शिकायतें शहरवासी करते हैं। वह इस संबंध में डीसी और कमिश्नर से बात करेंगे, ताकि शहरवासियों को तय सरकारी रेट पर ही सब्जी और फल मिल सके।
- रविकांत शर्मा, मेयर ।
सब्जी और फल का बाजार भाव
सब्जी
दाम प्रति किलो (प्रशासन की ओर से तय)
मनमाना रेट प्याज इंदौरी 30 से 35 रुपये 55 प्याज लोकल 25 से 30 रुपये 40 टमाटर 20 से 30 रुपये 50 से 60 घीया 30 से 40 रुपये 50 अदरक 70 से 80 रुपये 120 मिर्च 50 से 60 रुपये 100 मटर 80 से 90 रुपये 120 आलू स्टोर 15 से 20 रुपये 30 से 40 आलू (पहाड़ी) 20 से 25 रुपये 40 से 50 अरबी 20 से 30 रुपये 40 खीरा 30 से 50 रुपये 50 से 60 निबू 60 से 80 रुपये 100 से 120 कद्दू 20 से 30 रुपये 40