जानें चंडीगढ़ की महिलाओं में क्यों तेजी से फैल रहा ब्रेस्ट कैंसर, देशभर में यहां सबसे ज्यादा मरीज

चंडीगढ़ महिलाएं तेजी से ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में आ रही हैं। इस बात का खुलासा एक रिपोर्ट के आधार पर हुआ है। शहर में एक लाख महिलाओं में से 35 ब्रेस्ट कैंसर की शिकार हैं। यह आंकड़ा पूरे भारत में सबसे ज्यादा है।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 11:47 AM (IST) Updated:Wed, 24 Nov 2021 11:47 AM (IST)
जानें चंडीगढ़ की महिलाओं में क्यों तेजी से फैल रहा ब्रेस्ट कैंसर, देशभर में यहां सबसे ज्यादा मरीज
2018 की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में ब्रेस्ट कैंसर के 1,62,468 नए मरीज मिले थे।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। कैंसर जानलेवा बीमारी है, लेकिन समय पर इलाज इस बीमारी से मरीज की जिंदगी को बचा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में सबसे ज्यादा महिलाएं की मौत का कारण ब्रेस्ट कैंसर है। इन आंकड़ों को देखते हुए डॉक्टरों ने कैंसर के बारे में बेहतर जागरूकता और इसे रोकने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव का आह्वान किया है। वहीं, हैरान करने वाली बात यह है कि चंडीगढ़ में ब्रेस्ट कैंसर के मरीज पूरे देशभर में सबसे ज्यादा हैं। जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री (पीबीसीआर) 2017 के अनुसार चंडीगढ़ में एक लाख महिलाओं में से 35 को ब्रेस्ट कैंसर हैं, यह आंकड़ा पूरे भारत में सबसे ज्यादा है। ग्रामीण और शहरी भारत दोनों में ब्रेस्ट कैंसर बढ़ रहा है।

2018 की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में ब्रेस्ट कैंसर के 1,62,468 नए रजिस्टर्ड केस आए, जिनमें से 87,090 लोगों की मौत हुई है। पहले कैंसर का डायग्नोसिस आमतौर पर मेनोपाज के बाद की महिलाओं में किया जाता था, लेकिन अब यह कम उम्र की महिलाओं में ज्यादा हो रहा है। 30 से 40 साल की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। 

पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और यूपी में तेजी से फैल रहा कैंसर

वेस्टर्न कमांड चंडीमंदिर के मेडिकल ओन्कोलॉजी प्रमुख प्रो. डॉ. जीएस चौधरी ने बताया कि कमांड हॉस्पिटल में आने वाले बहुत सारे केसेस कैंसर की एडवांस स्टेज में पता चल रहे हैं। भारतीय महिलाएं पश्चिमी देशों की महिलाओं की तुलना में लगभग 10 साल पहले ब्रेस्ट कैंसर से ग्रस्त हो रही हैं। विश्वस्तर पर ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य कारणों में महिलाओं द्वारा पहले बच्चे के जन्म में देरी और मेनोपाज, न्यूलीपैरिटी, कम समय तक ब्रेस्ट फीडिंग कराना, बर्थ कंट्रोल पिल का उपयोग, मोटापा, फैट का ज्यादा सेवन, हार्मोन रिप्लेसमेंट शामिल है। जिन महिलाओं के परिवार में पहले किसी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका होता है उनमे ब्रेस्ट कैंसर होंने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा प्रीमेनोपॉजल ब्रेस्ट कैंसर में मेनोपाज के बाद की महिलाओं की तुलना में ज्यादा आक्रामक बायोलोजी होती है। पिछले कुछ सालों में उत्तर भारत में भी ब्रेस्ट कैंसर के केसेस बढ़े हैं। पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में यह बीमारी तेजी से फैल रही है।

महिलाएं इन बातों का रखें खास ध्यान

डॉ. चौधरी का कहना है ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों और संकेतों में ब्रेस्ट के बगल या ऊपरी छाती में एक गांठ या सूजन दिखती है, जिसके परिणामस्वरूप ब्रेस्ट के आकार में परिवर्तन होता है। महिलाओं को निप्पल में किसी भी तरह के बदलाव या निप्पल से कोई भी आसामान्य डिस्चार्ज पर भी ध्यान देना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार ब्रेस्ट में दर्द भले ही कैंसर का संकेत न हो लेकिन असामान्य दर्द कैंसर का संकेत हो सकता है। 50 से 74 वर्ष की आयु की महिलाओं को रेगुलर स्क्रीनिंग करानी चाहिए। हालांकि महिलाओं को 50 साल की उम्र से पहले मैमोग्राम कराना शुरू करना है या नहीं, यह तय करते समय स्क्रीनिंग टेस्ट के लाभों और जोखिमों को जान लेना चाहिए।

ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं में कैंसर का खतरा कम

डॉ. चौधरी ने कहा कि ब्रेस्ट कैंसर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बराबर गति से बढ़ रहा  हैं। भारत में ब्रेस्ट कैंसर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कहां ज्यादा फैल रहा है, इसका कोई ठोस सबूत नहीं है लेकिन यह कहा जा सकता है कि लाइफस्टाइल में अलग-अलग अंतर से ब्रेस्ट कैंसर फैलने की दर भी अलग-अलग हो सकती है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गतिविधियों से मासिक धर्म में देरी हो सकती है, ग्रामीण क्षेत्रों में  महिलाओं के औसतन ज्यादा बच्चे होते हैं, वे स्तनपान लंबे समय तक कराती हैं, इसलिए उनमें ब्रेस्ट कैंसर कम हो सकता है लेकिन इसका अभी कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

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