वार्ड में स्मार्ट फोन नहीं रख सकते पेशेंट, डॉक्टर टेबलेट से कराएंगे बात

कोविड वार्ड में अभी तक मरीजों को मोबाइल फोन रखने की मंजूरी नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि पहले कई बार मरीज मोबाइल फोन से फोटो वीडियो लेने के बाद उसे वायरल करते थे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 06:36 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 06:36 AM (IST)
वार्ड में स्मार्ट फोन नहीं रख सकते पेशेंट, डॉक्टर टेबलेट से कराएंगे बात
वार्ड में स्मार्ट फोन नहीं रख सकते पेशेंट, डॉक्टर टेबलेट से कराएंगे बात

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कोविड वार्ड में अभी तक मरीजों को मोबाइल फोन रखने की मंजूरी नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि पहले कई बार मरीज मोबाइल फोन से फोटो, वीडियो लेने के बाद उसे वायरल करते थे। यह मेडिकल स्टाफ और दूसरे पेशेंट की मर्जी के खिलाफ था। इसको देखते हुए आइसीयू में फोन रखने की मंजूरी नहीं रहेगी। पेशेंट की उसके स्वजनों से मोबाइल इंटरेक्शन विशेष तौर पर उपलब्ध टेबलेट्स से कराई जाएगी। कोविड वार्ड में नॉन स्मार्ट फोन (बटन फोन) की मंजूरी रहेगी। इसके साथ यह शर्त रहेगी कि मरीज के फोन रखने से किसी को परेशानी न हो वह शोर न करे। ऐसा करने पर उसको यह सुविधा वार्ड में बाकी समय के लिए नहीं मिलेगी। यह निर्णय सीएचबी चीफ एग्जीक्यूटिव इंजीनियर कम नोडल अधिकारी जीएमसीएच यशपाल गर्ग की अगुवाई में वर्चुअल मीटिग में लिया गया। इसके अलावा वार्ड में कोविड पेशेंट के स्वजनों की एंट्री पर रोक रहेगी। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि एंट्री से इंफेक्शन फैलने का खतरा अधिक रहेगा। पीपीई किट और दूसरे नियमों का पालन नहीं होगा। केवल नेत्रहीन जैसे दिव्यांग पेशेंट के स्वजन को ही विशेष मंजूरी रहेगी।

कोविड वार्ड में वेंटिलेटर ठीक करने से इनकार

जीएमसीएच-32 के सीवी 200 वेंटिलेटर की रिपेयर के लिए जो इंजीनियर बुलाया था उसने कोविड वार्ड में वेंटिलेटर ठीक करने से इनकार कर दिया। तर्क दिया कि उनकी कंपनी की यह पॉलिसी है। इसके बाद नए इंजीनियर को हायर किया गया है। स्पेयर पार्ट आने पर कुछ दिनों में छह वेंटिलेटर काम करना शुरू कर देंगे। 50 फ्लो सेंसर खरीदने की मंजूरी भी मिल गई है। वार्ड में अतिरिक्त अटेंडेंट सफाईकर्मी रखने के लिए 20 कर्मी रखे जाएंगे। आक्सीजन लाने के लिए पुलिस एस्कॉर्ट

हेल्थ कम प्रिसिपल सेक्रेटरी होम एके गुप्ता ने डीजीपी संजय बेनीवाला को इनोक्स बारोतीवाला बद्दी से चंडीगढ़ पहुंचने वाले मेडिकल आक्सीजन टैंकर की सुरक्षा के लिए एस्कॉर्ट मुहैया कराने के लिए लिखा है। गुप्ता ने कहा कि सीएचबी सीईओ कम नोडल अधिकारी आक्सीजन ने सुरक्षा को देखते हुए एस्कॉर्ट की जरूरत बताई है। हिमाचल प्रदेश से चंडीगढ़ आने वाली लिक्विड मेडिकल आक्सीजन की पहुंच सुनिश्चित कराने के लिए इसे जरूरी बताया है। यह पहुंचने का समय कम करेगा साथ ही किसी अनावश्यक समस्या से भी बचाएगा। बता दें कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ को रोजाना 20 मीट्रिक टन आक्सीजन कोटा तय कर रखा है। यह बद्दी से ही चंडीगढ़ पहुंचता है। आक्सीजन की जरा भी देरी जान लेती रही है यह वाकया यहां न हो इसलिए ऐसा प्रावधान करने की मांग की है।

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