छात्रों ने पांच हजार में बनाया पेशेंट असिस्टेंस सिस्टम, जानें लकवाग्रस्‍त व अक्षम मरीजों की कैसे करेगा मदद

Patient Assistance System चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने कमाल का सिस्‍टम बनाया हैै।उन्‍होंने लकवाग्रस्‍त और अक्षम मरीजों की मदद के लिए पेशेंट असिस्‍टेंट सिस्‍टम बनाया है। यह सिस्‍टम इन मरीजों की आम और खास जरूरतों को लेकर सहायता करेगी।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 06:42 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 07:56 AM (IST)
छात्रों ने पांच हजार में बनाया पेशेंट असिस्टेंस सिस्टम, जानें लकवाग्रस्‍त व अक्षम मरीजों की कैसे करेगा मदद
चंडीगढ़ यूनविर्सिटी के विद्यार्थियों के पेशंट असिस्टेंस सिस्टम तैयार की है। (स्रोत- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी )

मोहाली, [रोहित कुमार]। Patient Assistance System: मोहली में स्थित चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों ने कमाल का मेडिकल सिस्‍टम तैयार किया है। इन विद्यार्थियों ने लकवाग्रस्‍त व शारीर‍िक रूप से अक्षम लोगों के लिए पेशेंट असिस्‍टेंट सिस्‍टम बनाया है। महज पांच हजार रुपये की लागत से बनाया गया सिस्‍टम इन मरीजों की जरूरतों व समस्‍याओं से उनके परिजनों को अवगत कराएगा। 

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (सीयू) घड़ूआं के विद्यार्थियों ने आइओटी आधारित ऐसा पेशेंट असिस्टेंस सिस्टम विकसित किया है, जो परिजनों व अन्य लोगों को रोगियों की प्रतिक्रियाओं को समझने में मदद करेगा। सीयू के मेकाट्रोनिक्स स्टूडेंट्स ने मरीजों के हाथ पर लगाने वाली ऐसी 'जेस्चर' आधारित सेंसर तकनीक विकसित की है, जो बोलने बता सकने में अक्षम मरीज की दर्द की स्थिति या भोजन-पानी सहित अन्‍य आवश्यकताओं के लिए आसानी से अपने परिचितों को सूचनाएं प्रदान करने में मदद करेगी।

लकवाग्रस्‍त मरीजों और शारीरिक रूप से अक्षम लोगों की समस्‍या व जरूरतोंं में होगा मददगार

यह खास डिवाइस लगभग 5000 रुपये की लागत से तैयार की गई है। चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों विवेक चौहान, अमन गुप्ता, ईशान नायक, ललित यादव और मयंक वर्मा की टीम ने यह डिवाइस विकसित की है। दैनिक जागरण से बातचीत में ईशान नायक और विवेक चौहान ने बताया कि इस सिस्टम को विकसित करने और इसका परीक्षण करने में चार-पांंच महीने लगे।

डिवाइस विकसित करने वाले विद्यार्थी। (स्रोत - चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी)

एक अस्पताल में लकवाग्रस्त मरीज को देख आया मन में डिवाइस बनाने का विचार

उन्होंने बताया कि उन्होंने एक अस्पताल में एक लकवाग्रस्त रोगी को देखा, जो पानी मांगने के लिए बोल नहीं सकता था और उसकी देखभाल करने वाला भी वहां कोई नहीं था। इसके बाद उनको पेशेंट असिस्टेंस सिस्टम को विकसित करने का विचार आया। इस डिवाइस की मदद से दिव्यांग व्‍यक्ति आसानी से दूसरों को अपने भाव या जरूरतों को समझा पाएंगे।

मरीजों के तिमारदारों के लिए होगा मददगार, गूगल एलेक्सा से भी किया जा सकता अटैच

उन्‍होंने बताया कि यह डिवाइस एक स्वचालित वाटर फीडिंग सिस्टम के साथ जुड़ी है। इससे रोगी की जरूरत व उसकी कमांड के अनुसार यह डिवाइस धीरे-धीरे मरीज के मुंह में पानी सप्लाई करती रहेगी। इस सिस्टम को वॉयस आधारित ऑनलाइन सिस्टम जैसे गूगल एलेक्सा से भी अटैच किया जा सकता है। सिस्टम को आइओटी बोर्ड, जेस्चर सेंसर, पावर सर्किट, वाई-फाई नोड्यूल तथा इमरजेंसी के लिए एलसीडी स्क्रीन स्पीकर और सिस्टम के साथ कुछ पूर्व संग्रहीत इशारों के साथ डिजाइन किया गया है। ताकि, मरीजों की विभिन्न प्रतिक्रियाओं को आसानी से दूसरों तक पहुंचाया जा सके।

अमन गुप्ता ने बताया कि इस डिवाइस के मुख्य कार्यों में से एक मरीज के दिल की धडकऩ के स्तर, बीपी स्तर,  ब्लड शुगर की मॉनीटरिंग जैसे महत्वपूर्ण आंकड़ों को संग्रहीत करने के साथ-साथ उन सभी कारकों की निगरानी करना है। जहां रोगी ने जरूरत के समय कितनी बार दूसरों को बुलाने की कोशिश की। कितनी बार उसकी सहायता के लिए कोई उपस्थित हुआ या नहीं, इसकी भी जानकारी एकत्र करेगी। भविष्य में लोगों के लिए यह डिवाइस काफी लाभकारी सिद्ध होगा।

चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि एक शैक्षणिक संस्थान होने के नाते हम हमेशा से ही अपने छात्रों को सामाजिक उत्थान के प्रति कार्य करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी का निवर्हन करते हुए यूनिवर्सिटी के छात्रों ने न केवल स्वास्थ्य, बल्कि एग्रीकल्चर, स्वच्छता जैसे पर्यावरणीय क्षेत्रों से लेकर दिव्यांगजनों के लिए कई नवीन अंनुसंधान और नवाचार किए हैं। उन्होंने अपने छात्रों के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह पेशेंट असिस्टेंस सिस्टम शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए वरदान साबित होगा।

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