PGI चंडीगढ़ में पार्लियामेंट्री कमेटी की पीजीआइ निदेशक प्रो जगतराम की अध्यक्षता में बैठक शुरू, पेश की रिपोर्ट

प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि किस प्रकार कोरोना महामारी में पीजीआइ ने उत्तर भारत में इकलौते ऐसे चिकित्सा संस्थान होते हुए इस प्रकार अपनी अहम भूमिका निभाई। प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि महामारी में पीजीआइ में नेहरू एक्सटेंशन हॉस्पिटल को अलग से कोविड वार्ड बनाया गया।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 12:51 PM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 12:51 PM (IST)
PGI चंडीगढ़ में पार्लियामेंट्री कमेटी की पीजीआइ निदेशक प्रो जगतराम की अध्यक्षता में बैठक शुरू, पेश की रिपोर्ट
पीजीआइ चंडीगढ़ में बैठक के दौरान मौजूद कमेटी के सदस्य और पीजीआइ निदेशक प्रोफेसर जगतराम।

विशाल पाठक, चंडीगढ़। हेल्थ पार्लियामेंट्री कमेटी (Health Parliamentary Committee) के सदस्य चेयरमैन प्रोफेसर रामगोपाल यादव के नेतृत्व में वीरवार को सुबह 11 बजे पीजीआइ चंडीगढ़ के एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक पहुंचे। पीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर जगतराम ने संस्थान में किस प्रकार मरीजों को नई तकनीक के जरिए बेहतर इलाज पहुंचाया जा रहा है और किस किस विभाग में क्या योजनाएं शुरू की जानी है इसको लेकर रिपोर्ट पेश की। पीजीआइ में जल्दी एडवांस न्यूरो साइंस ब्लॉक शुरू होगा । इसके अलावा सहारनपुर पीजीआइ एक्सपेंशन प्लान को लेकर भी पीजीआइ के निदेशक प्रोफेसर जगतराम की ओर से प्रेजेंटेशन दी गई।

प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि किस प्रकार कोरोना महामारी में पीजीआइ ने उत्तर भारत में इकलौते ऐसे चिकित्सा संस्थान होते हुए इस प्रकार अपनी अहम भूमिका निभाई। प्रोफेसर जगतराम ने बताया कि महामारी में पीजीआइ में नेहरू एक्सटेंशन हॉस्पिटल को अलग से कोविड वार्ड बनाया गया। इस वार्ड में 100 बेड का अलग से आईसीयू और 200 बेड का जरनल वार्ड बनाया गया था।

पार्लियामेंट्री कमेटी को बताई अपनीउपलब्धियां कोविशील्ड वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल अलग से 300 बेड का कोविड हॉस्पिटल बनाया मरीजों के लिए पीजीआइ में अलग से एक हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन सिलेंडर का प्लांट लगाया गया। कोरोना महामारी में पूरे उत्तर भारत मे करीब दो लाख लोगों को टेलीमेडिसिन के जरिये इलाज पंहुचाया। महामारी में बुजुर्ग मरीजों के मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर्स ऑन द डोर की सुविधा उपलब्ध कराई। महामारी में भी ऑर्गन डोनेशन और ट्रांसप्लांट को बंद नही किया गया। 12 मरीजों को ट्रांसप्लांट के जरिये नया जीवन दिया।

chat bot
आपका साथी