BSF Controversy: परगट ने कहा- पंजाब में राष्ट्रपति शासन की तैयारी, कैप्टन की पहले से थी भाजपा से सांठगांठ
खेल मंत्री परगट सिंह ने बीएसएस को सीमा से 50 किमी अंदर सर्च और अरेस्ट के अधिकार दिए जाने पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह पर निशाना साधा है। उन्होंने इशारा किया कि कैप्टन और भाजपा की मिलीभगत से पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगाने की तैयारी है।
जेएनएन/एएनआइ, चंडीगढ़। केंद्र सरकार की ओर से सीमा सुरक्षा बल को सरहद से 50 किमी अंदर तक तलाशी लेने और संदिग्धों को गिरफ्तार करने का अधिकार दिए जाने पर पंजाब में भारी राजनीतिक उथल-पुथल मच गई है। सुखबीर बादल ने जहां मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया हैं, वहीं अब शिक्षा एवं खेल मंत्री परगट सिंह ने केंद्र के कदम का समर्थन करने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने उन पर भाजपा से सांठगांठ का आरोप लगाया है।
समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक परगट सिंह बोले, 'मैंने हमेशा कहा है कि कैप्टन सिर्फ भाजपा के साथ हैं। पहले वह धान खरीद में देरी करने के लिए दिल्ली गए थे और अब यह। यदि आप पंजाब में बीएसएफ की तैनाती कर रहे हैं तो यह प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू करने का इरादा दर्शाता है। मैं केंद्रीय गृह मंत्री से अपील करना चाहता हूं कि वर्ष 2022 और 2024 के चुनाव से पहले पंजाब को गलत दिशा में न ले जाएं। हम किसी को भी पंजाब को सांप्रदायिक बनाने की अनुमति नहीं देंगे।
बता दें कि पंजाब सरकार ने केंद्र के इस कदम का विरोध किया है। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इसे राज्य के अधिकारों को हनन और संघवाद पर हमला करार दिया। उन्होंने निर्णय वापस लेने की मांग की। दूसरी ओर डिप्टी सीएम सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि यह फैसला एकतरफा है। इसे लेने से पहले राज्य से सलाह नहीं ली गई।
I want to appeal to Union Home Minister to not take Punjab in different directions for the 2022, 2024 elections. We will not allow anyone to make Punjab communal: Punjab Congress MLA Pargat Singh pic.twitter.com/Co113p7zYN
— ANI (@ANI) October 14, 2021
सुखबीर ने दिया राजभवन के आगे धरना
इस मुद्दे को लेकर अकाली दल ने भी मोर्चा खोल दिया है। वीरवार को शिअद प्रमुख सुखबीर बादल ने पूर्व मंत्री विक्रम सिंह मजीठिया सहित कई नेताओं के साथ चंडीगढ़ में राजभवन के आगे धरना दिया। वे मुद्दे को लेकर विरोध जताने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलने पहुंचे थे।
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