चंडीगढ़ में एडमिशन फीस को लेकर अभिभावकों ने शिवालिक स्कूल में प्रदर्शन किया, बच्चों की पढ़ाई रोकने का लगाया आरोप

चंडीगढ़ में फीस के मामले को लेकर अभिभावकों ने शिवालिक पब्लिक स्कूल में धरना प्रदर्शन किया। स्कूल पर आरोप लगाया कि पूरी फीस जमा नहीं होने के चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई को रोक दिया गया है जिससे स्टूडेंट्स मानसिक रूप से परेशान हो रहे हैं।

By Vinay KumarEdited By: Publish:Tue, 13 Jul 2021 11:51 AM (IST) Updated:Tue, 13 Jul 2021 11:51 AM (IST)
चंडीगढ़ में एडमिशन फीस को लेकर अभिभावकों ने शिवालिक स्कूल में प्रदर्शन किया, बच्चों की पढ़ाई रोकने का लगाया आरोप
चंडीगढ़ में एडमिशन फीस को लेकर शिवालिक स्कूल के बाहर प्रदर्शन करते हुए अभिभावक।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। सत्र 2021-2022 को शुरू हुए तीन महीने का समय पूरा हो चुका है लेकिन शहर के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाई अभी फीस को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। फीस को लेकर सहमति नहीं होने के चलते सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई रूकी हुई है लेकिन प्राइवेट स्कूल प्रबंधन से लेकर प्रशासन मामले पर चुप्पी साधे हुआ है। फीस के मामले को लेकर मंगलवार को शिवालिक पब्लिक स्कूल सेक्टर-41 में धरना प्रदर्शन किया। जहां पर अभिभावकों ने नारेबाजी करते हुए स्कूल पर आरोप लगाया कि पूरी फीस जमा नहीं होने के चलते स्टूडेंट्स की पढ़ाई को रोक दिया गया है जिससे स्टूडेंट्स मानसिक रूप से परेशान हो रहे है लेकिन स्कूल कोई भी निर्णय लेने के बजाए पूरी फीस लेने पर अड़ा हुआ है।

11 फीसद बढ़ाई गई स्कूल द्वारा फीस

विरोध प्रदर्शन कर रहे अभिभावक प्रमोद ने बताया कि स्कूल ने वर्ष 2019-2020 के सत्र में फीस नहीं बढ़ाई गई थी और आनलाइन पढ़ाई की सिर्फ ट्यूशन फीस ही चार्ज की थी लेकिन इस बार स्कूल द्वारा 11 फीसद तक फीस को बढ़ा दिया गया है और वार्षिक फीस को एक साथ लेने के बजाए मासिक किश्तों में बांटकर फीस के साथ चार्ज किया जा रहा है जो कि पूरी तरह गलत है मामले को लेकर दो सप्ताह पहले भी स्कूल प्रबंधन से बात हुई थी जिन्होंने मामले का समाधान निकालने का आश्वासन दिया था लेकिन अब फिर से स्टूडेंट्स को क्लास से निकाल दिया गया है और आज धरना करने के बावजूद अभिभावकों से मिलने कोई नहीं आ रहा।

यह है अभिभावकों की मांग

अभिभावकों की प्राइवेट स्कूलों से डिमांड है कि स्टूडेंट्स से सिर्फ ट्यूशन फीस चार्ज की जाए, क्योंकि पढ़ाई घर से आनलाइन चल रही है। इसके अलावा वार्षिक फीस नहीं लेने के साथ किसी प्रकार की बढ़ोतरी भी फीस में न की जाए क्योंकि कोरोना महामारी के चलते ज्यादातर अभिभावकों की आर्थिक स्थिति खराब हो चुकी है।

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