एडहॉक पर चल रही पंजाब यूनिवर्सिटी

देश की टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार पंजाब यूनिवर्सिटी इन दिनों एडहॉक पर चल रही है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 08:25 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 08:25 AM (IST)
एडहॉक पर चल रही पंजाब यूनिवर्सिटी
एडहॉक पर चल रही पंजाब यूनिवर्सिटी

डा. सुमित सिंह श्योराण, चंडीगढ़

देश की टॉप यूनिवर्सिटी में शुमार पंजाब यूनिवर्सिटी इन दिनों एडहॉक पर चल रही है। अगले कुछ महीनों बाद पंजाब यूनिवर्सिटी की ग्रेडिग के लिए नैक टीम कैंपस में पहुंचने वाली है। दूसरी तरफ पीयू प्रशासन के सामने कई दिक्कतें खड़ी हो गई है। इस समय पंजाब यूनिवर्सिटी के कुलपति को छोड़ सभी प्रशासनिक पद एडहॉक अधिकारियों से चल रहे हैं। इस समय पीयू के सबसे अहम पद रजिस्ट्रार, कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन, डीन कॉलेज डेवलेपमेंट काउंसिल, डायरेक्टर स्पो‌र्ट्स, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर, एनएसएस प्रोग्राम कोआर्डिनेटर, चीफ लाइब्रेरियन, यूबीएस, यूआइएएमएस और डायरेक्टर पब्लिक रिलेशंस तक पद अस्थायी तौर पर अधिकारियों के भरोसे चल रहे हैं। कुलपति का दूसरा कार्यकाल शुरू

प्रो. राजुकमार ने जुलाई 2018 में पीयू कुलपति के तौर पर पदभार संभाला था। जुलाई 2021 में उन्हें तीन वर्ष का दूसरा टर्म मिल गया है। 2018 से खाली रजिस्ट्रार का पद

पीयू के प्रशासनिक कार्यो के लिए रजिस्ट्रार का पद महत्वपूर्ण माना जाता है। 2018 में कर्नल जीएस चड्ढा के बाद इस पद पर कोई स्थायी नियुक्ति नहीं हुई है। पूर्व अस्थायी रजिस्ट्रार प्रो. कर्मजीत सिंह के पंजाब स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी का कुलपति बनने के बाद से मौजूदा एफडीओ विक्रम नैयर रजिस्ट्रार का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे हैं।

कंट्रोलर ऑफ एग्जामिनेशन

नवंबर 2020 में कंट्रोलर प्रो. परविदर सिंह रयात एंड बहारा यूनिवर्सिटी के कुलपति बनने के बाद से यह पद खाली है। डेंटल कॉलेज के डा. जगत भूषण अस्थायी तौर पर इस पद पर कार्यरत हैं। डीसीडीसी ने भी दिया इस्तीफा

पीयू एफिलिएटेड चंडीगढ़ और पंजाब के सभी 195 कॉलेजों से जुड़े मामलों को डीन कॉलेज डेवलेपमेंट काउंसिल (डीसीडीसी) को देखना पड़ता है। 11 अक्टूबर को अस्थायी डीसीडीसी प्रो. संजय कौशिक ने इस्तीफा दे दिया है।

डायरेक्टर स्पो‌र्ट्स की जिम्मेदारी होटल मैनेजमेंट प्रोफेसर के जिम्मे

दो वर्षो से पीयू के लिए अगर कोई विभाग सम्मान दिला सका है तो वह स्पो‌र्ट्स विभाग है। चौदह वर्षो के अंतराल के बाद पीयू ने लगातार दो बार माका ट्रॉफी अपने नाम की है। अक्टूबर 2020 में पूर्व स्पो‌र्ट्स डायरेक्टर का कोरोना के बाद देहांत हो गया। इस पद पर अभी तक स्थायी नियुक्ति नहीं हुई। होटल मैनेजमेंट के प्रोफेसर प्रशांत गौतम को यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी अस्थायी तौर पर दी हुई है। पीयू की सुरक्षा भी राम भरोसे

पीयू में चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर का पद करीब दस वर्षों से अस्थायी नियुक्ति को तरस रहा है। सुरक्षा जैसे मामलों की जिम्मेदारी पहले पीयू प्रोफेसर को दी गई। प्रोफेसर अश्वनी कौल लंबे समय तक चीफ सिक्योरिटी अफसर अस्थायी तौर पर रहे। इस समय पीयू के ही सिक्योरिटी अफसर विक्रम सिंह को जिम्मेदारी दी हुई है। यह नियुक्ति भी एडहॉक तौर पर है। पीयू में सुरक्षा का स्तर यह है कि पीयू कुलपति पर ही हमला की घटना हो जाती है। किसी भी मामले में आरोपित तक पीयू सिक्योरिटी नहीं पहुंच पाती। यह बड़े पद पर अस्थायी अधिकारियों के भरोसे

-पीयू में लगभग सभी महत्वपूर्ण पद एडहॉक तौर पर भरे हुए हैं। चीफ प्रोग्राम कोआर्डिनेटर पद पर प्रो. अश्वनी कौल तैनात है। जून 2020 में डा. नवदीप कौर की टर्म खत्म होने के बाद से यह पद खाली है। चीफ लाइब्रेरियन के पद पर तैनात डा. जितेश बंसल की नियुक्ति भी अस्थायी तौर पर की गई है। पीयू में डायरेक्टर पब्लिक रिलेशंस ऑफिसर (डीपीआर) रेणुका सलवान की नियुक्ति भी अस्थायी है। मई 2017 से रेणुका इस पद पर नियुक्त है। हाल ही में उन्हें तीन महीने की एक्सटेंशन दी गई है।

बड़े अधिकारियों पर काम का बोझ

पीयू में एक-एक अधिकारी के तीन से पांच विभागों का अतिरिक्त बोझ है। प्रो. वीआर सिन्हा के पास डीयूआइ का चार्ज है। इसके अलावा उनके पास यूनिवर्सिटी बिजनेस स्कूल (यूबीएस) यूआइएएमएस, उर्दू, गुरु नानक सिख स्टडीज सहित कई महत्वपूर्ण चार्ज है। प्रो. मीना शर्मा के पास डीएसडब्ल्यू वूमेन के अलावा यूआइएएमएस की एकेडिमक कोआर्डिनेटर, डायरेक्टर प्लेसमेंट सहित चार्ज हैं। लॉ विभाग के चेयरमैन प्रो. देवेंदर सिंह के पास भी सेक्रेटरी यूवीसी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है।

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