पंजाब यूनिवर्सिटी के कर्मचारी नारकीय जीवन में जीने को मजबूर, कैंपस में मकानों व सड़कों की हालत खस्ता
पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में रहने वाले कर्मचारियों के घरों की स्थिति नरक जैसी है। बरसात के मौसम में उन घरों में रहना हर पल खतरे से भरा होता है। पंजाब यूनिवर्सिटी के सेक्टर-14 और 25 स्थित कैंपस में करीब सात सौ घर हैं।
चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब यूनिवर्सिटी कैंपस में रहने वाले कर्मचारियों के घरों की स्थिति नरक जैसी है। बरसात के मौसम में उन घरों में रहना हर पल खतरे से भरा होता है। पंजाब यूनिवर्सिटी के सेक्टर-14 और 25 स्थित कैंपस में करीब सात सौ घर हैं, जिनमें सेकेंड, थर्ल्ड और फोर्थ क्लास कर्मचारी परिवार के साथ रहते है।
वहीं अधिकारियों और टीचिंग स्टाफ के लिए रहने के लिए अलग से पांच सौ मकानों की व्यवस्था है। इन घरों में आठ हजार के करीब लोग रहते है। घरों की स्थिति को सुधारने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी टीचर यूनियन (पुटा) ने 30 मई को रजिस्ट्रार और एक्सईन कंस्ट्रक्शन आफिस को भी अपील की थी।
बाहरी दीवार गिरने की स्थिति में-
पंजाब यूनिवर्सिटी के घरों को सुरक्षा की दृष्टि बनाई गई बाहरी दीवार वर्तमान में गिरने की कगार पर है। जिसके अंदर कोई भी घुसकर अनहोनी घटना को अंजाम दे सकता है।
घरों की स्थिति सुधारने के लिए लगातार पीयू प्रशासन से अपील की जाती है, लेकिन कभी सुनवाई नहीं होती। एक महीने बाद बरसात शुरू होने वाली है। इस समय कोरोना पॉजिटिव आ रहे मरीजों को घरों में ही आइसोलेट किया जा रहा है। यदि किसी के साथ घर में हादसा होता है तो जिम्मेदार कौन होगा।
डॉ.मृत्युजय कुमार, प्रेसिडेंट पुटा
घरों की स्थिति को सुधारने के लिए हर बार पीयू प्रशासन से अपील की जाती है लेकिन परिणाम कभी सकारात्मक नहीं मिलता। हमें चिल्लाकर चुप करके बैठना पड़ता है। घरों की दीवारों के साथ सीवेरज की नालियां दशकों से साफ नहीं हुई है। जिसके चलते हल्की बारिश में पानी जमा हो जाता है।
प्रो. अमरजीत सिंह नौरा, सेक्रेटरी पुटा
यूनिवर्सिटी कैंपस में सात से आठ घर ऐसे है जिन्हें कंस्ट्रक्शन विभाग रहने के लिए अमान्य कर चुका है, लेकिन उन्हें गिराने की दिशा में कभी कोई काम नहीं हुआ। उन घरों में कई बार शरारती तत्व आकर रहते है जो कि आम लोगों के लिए मुश्किल पैदा करते है लेकिन पीयू प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं करता।
हनी ठाकुर, वाइस प्रेसिडेंट, पंजाब यूनिवर्सिटी नॉन टीचिंग स्टाफ एसोसिएशन (पुसा)
यूनिवर्सिटी के रेजिडेंशयल एरिया में रहने वाले मकानों की गलियाें में कोई बजुर्ग व्यक्ति दो पहिया वाहन पर सफर नहीं कर सकता। बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बलजिंदर सिंह, सेक्रेटरी पंजाब यूनिवर्सिटी नॉन टीचिंग स्टाफ एसोसिएशन (पुसा)