पंजाब में 30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई, 190 लाख टन उत्पादन की उम्मीद, कैप्टन ने अभी से तैयारियां करने को कहा

पंजाब में एक बार फिर फसली विविधीकरण को झटका लगा है। राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद किसानों ने 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की रोपाई की है। इससे 190 लाख टन धान उत्पादन की उम्मीद है।

By Kamlesh BhattEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:54 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 01:28 PM (IST)
पंजाब में 30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई, 190 लाख टन उत्पादन की उम्मीद, कैप्टन ने अभी से तैयारियां करने को कहा
पंजाब में 30 लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई। फाइल फोटो

जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब में धान के अधीन रकबे को कम करने के प्रयासों को इस साल एक बार फिर झटका लगा है। राज्य में इस साल फिर से तीस लाख हेक्टेयर में धान की रोपाई की गई है, जबकि राज्य सरकार दावा करती आ रही है कि मक्की, कपास और अन्य वैकल्पिक फसलों के अधीन रकबा बढ़ाकर धान के रकबे को कम किया जाएगा, लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में हुई मीटिंग में कृषि विभाग ने बताया कि तीस लाख हेक्टेयर पर धान की रोपाई हुई है, जिससे लगभग 197.47 लाख मीट्रिक टन धान आने की उम्मीद है। कैप्टन ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग से कहा है कि खरीद के पुख्ता प्रबंध करने में अभी से जुट जाएं। काबिले गौर है कि पिछले धान के सीजन में सरकार ने 203 लाख मीट्रिक टन धान खरीद की थी।

खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की उच्च स्तरीय बैठक करते हुए कैप्टन ने विभाग के सचिव से कहा कि वह केंद्र सरकार से अभी बारदाना उपलब्ध करवाने के लिए संपर्क करें, ताकि समय रहते यह पंजाब में आ सके। इसके अलावा लेबर और ट्रांसपोर्टेशन का काम भी अभी से ही सिरे चढ़ा लें। उन्होंने विभाग के सेक्रेटरी से कहा कि लाभपात्रियों को खाद्यान्न की उपलब्धता समय पर किए जाने की यकीनी बनाएं।

खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशू ने मुख्यमंत्री को यकीन दिलाया कि विभाग खरीद के काम में कोई ढील नहीं आने देगा और धान का एक एक दाना खरीदने को यकीनी बनाएगा। इस मौके पर विभाग के सचिव राहुल तिवारी ने एक प्रेसेनटेंशन देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि विभाग ने खरीद की सीधी अदायगी के लिए एक साफ्टवेयर डेवलप किया हुआ है। अनाज खरीद पोर्टल पर दस लाख किसानों, 24 हजार आढ़ती और 4000 मिलर्स को रजिस्टर्ड किया हुआ है। 1.51 करोड़ योग्य लाभत्रियों को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट 2013 के अधीन गेहूं वितरित की जा रही है।

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