लिक्विड ऑक्सीजन की बूंद-बूंद पर प्रशासन की नजर

ऑक्सीजन जीवन के लिए संजीवनी बनी है। लिक्विड ऑक्सीजन की एक बूंद भी खराब न हो इसलिए प्रशासन ऑक्सीजन पर नजर रख रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 07:24 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 07:24 AM (IST)
लिक्विड ऑक्सीजन की बूंद-बूंद पर प्रशासन की नजर
लिक्विड ऑक्सीजन की बूंद-बूंद पर प्रशासन की नजर

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : ऑक्सीजन जीवन के लिए संजीवनी बनी है। लिक्विड ऑक्सीजन की एक बूंद भी खराब न हो इसलिए प्रशासन ऑक्सीजन पर नजर रख रहा है। ऑक्सीजन सप्लाई बेहतर रहे और किसी तरह की किल्लत का सामना चंडीगढ़ को न करना पड़े इसके लिए प्रशासन ने मॉनीटरिग के लिए अधिकारियों की पूरी टीम तैनात कर रखी है। चंडीगढ़ को प्रशासन ने रोजाना 20 मीट्रिक टन ऑक्सीजन कोटा निर्धारित कर रखा है। हिमाचल प्रदेश के बरोतीवाली से यह ऑक्सीजन चंडीगढ़ पहुंचती है। प्रशासन ने ऑक्सीजन सप्लाई को सुचारू करने के लिए सबसे पहले सीएचबी सीईओ यशपाल गर्ग को ऑक्सीजन सप्लाई का नोडल अधिकारी नियुक्त किया। उसके बाद यशपाल गर्ग ने सीएचबी की टीम को इस काम में लगा रखा है। उन्होंने एसडीओ स्तर के दो अधिकारियों को तो हिमाचल प्रदेश में बरोतीवाला प्लांट पर ही तैनात कर दिया। जो वहां से रोजाना सप्लाई की दुरुस्तगी सुनिश्चित करते हैं। वहां से चंडीगढ़ ऑक्सीजन टैंकर पहुंचने में दिक्कत न हो पुलिस एस्कॉर्ट की सुविधा दी गई है।

एक-एक सिलेंडर का रखा जा रहा हिसाब

गवर्नमेंट और प्राइवेट हॉस्पिटल को सप्लाई के बाद जो ऑक्सीजन बचती है उसे प्राइवेट वेंडर को सिलेंडर रिफिलिग के लिए दिया जाता है। प्राइवेट हॉस्पिटल और मिनी कोविड केयर सेंटरों में ऑक्सीजन सप्लाई देखने के लिए पीसीएस जगतीत सिंह को नोडल अधिकारी नियुक्त कर रखा है। साथ ही प्राइवेट वेंडर से रिफिल होने वाले एक-एक सिलेंडर का हिसाब रखा जाता है। जिसको घर पर मरीज के लिए ऑक्सीजन चाहिए उसको ई-परमिट जारी किया जा रहा है। रविवार को भी 10 से 12 ऐसे आवेदन आए। जिन्हें वेरीफाई करने के बाद सिलेंडर मुहैया कराए गए। सिलेंडर के लिए प्राइवेट वेंडर से कोई जोर जबरदस्ती न हो इसलिए वहां भी पुलिस तैनात की गई है। हर स्तर पर इतनी मॉनिटरिग की वजह से ही शहर में ऑक्सीजन कोटा कम होने के बाद भी दूसरे शहरों की तरह त्राही त्राही नहीं मची है। शुरू में सिलेंडर की ब्लैकमार्केटिग और ओवरचार्जिंग खूब हुई। लेकिन अब हालात पूरी तरह से नियंत्रण में हैं।

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