PGI में तीन और लोगों को दी गई Oxford Covishield Vaccine की डोज, ह्यूमन ट्रायल के लिए 400 लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन

ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए पीजीआइ ने जहां पहले ही 400 लोगों का रजिस्ट्रेशन कर लिया है। 23 सितंबर से दोबारा पीजीआइ में वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए लगाए गए कैंप में 36 और की स्क्रीनिंग की गई है।

By Vikas_KumarEdited By: Publish:Sat, 26 Sep 2020 06:42 PM (IST) Updated:Sat, 26 Sep 2020 06:42 PM (IST)
PGI में तीन और लोगों को दी गई Oxford Covishield Vaccine की डोज, ह्यूमन ट्रायल के लिए 400 लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
वैक्सीन की डोज देने के बाद छह महीनें तक इसका फोलोअप किया जाएगा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, [विशाल पाठक]। ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड के ह्यूमन ट्रायल के दूसरे दिन पीजीआइ में तीन वॉलिंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज दी गई। अब तक छह वॉलिंटियर्स को इस वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। इस वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए अब तक 400 लोग अपना रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इन 400 में से 18 वॉलिंंटियर्स को वैक्सीन के ट्रायल के लिए चुना गया था। इन 18 में से अब तक छह वॉलिंटियर्स को पहली डोज दी जा चुकी है। इन छह वॉलिंटियर्स को वैक्सीन की पहली डोज देने से पहले ब्लड सैंपल और कोरोना टेस्ट कराया गया था। पीजीआइ के कम्युनिटी मेडिसिन, वायरोलॉजी, फार्मोकोलॉजी, इंटरनल मेडिसिन और कई अन्य डिपार्टमेंट के सीनियर डॉक्टरों की टीम इस वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल अपनी निगरानी में कर रही है।

ह्यूमन ट्रायल के लिए 36 और लोगों की गई स्क्रीनिंग

ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए पीजीआइ ने जहां पहले ही 400 लोगों का रजिस्ट्रेशन कर लिया है। 23 सितंबर से दोबारा पीजीआइ में वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल के लिए लगाए गए कैंप में 36 और की स्क्रीनिंग की गई है। जिन 36 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है। उन्हें वैक्सीन के ट्रायल के मापदण्डों पर सटीक पाया गया है। यह वैक्सीन का ट्रायल करीब 250 लोगों पर किया जाएगा। इस ह्यूमन ट्रायल के लिए छह महीनें का समय लगेगा।

28 दिन बाद इन वॉलिंटियर्स को दी जाएगी दूसरी डोज

पीजीआइ में जिन छह लोगों को ऑक्सफोर्ड कोविडशिल्ड की पहली डोज दी गई है। उन्हें अब 28 दिन के बाद यानी 29वें दिन इस वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी। वैक्सीन की डोज देने के बाद छह महीनें तक इसका फोलोअप किया जाएगा। जिन वॉलिंटियर्स पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। उन वॉलिंटियर्स को एक डायरी दी गई है। ताकि ये वॉलिंटियर्स समय-समय पर अपने शरीर में आने वाले बदलावों को दिन, तारीख और समय के हिसाब से डायरी में लिख सके। ताकि डॉक्टर्स भी इन बदलावों को अपने शोध व ह्यूमन ट्रायल में शामिल कर सकें।

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