चंडीगढ़ में स्वास्थ्य सचिव की कार्रवाई से आउटसोर्स कर्मचारी खफा, कहा- जब कोरोना पीक पर था तब नहीं की कोई सरप्राइज विजिट
शहर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग की सरप्राइज विजिट से कर्मचारी परेशान हैं। स्वास्थ्य सचिव रात में भी अस्पताल पहुंच जाते हैं और वहां कर्मचारियों के कामकाज का जायजा लेने के साथ मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की भी जांच करते हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग की सरप्राइज विजिट से कर्मचारी परेशान हैं। स्वास्थ्य सचिव रात में भी अस्पताल पहुंच जाते हैं और वहां कर्मचारियों के कामकाज का जायजा लेने के साथ मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की भी जांच करते हैं। लेकिन अब कर्मचारी इसका विरोध करने लग पड़ें हैं। कर्मियों का आरोप है कि स्वास्थ्य सचिव की सरप्राइज चेकिंग की आड़ में आउटसोर्स हेल्थ वर्कर्स को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेक्टर-32 स्थित जीएमसीएच-32 के अगर एक भी आउटसोर्स कर्मचारी को नौकरी से निकाला तो सभी वर्कर्स काम छोड़कर हड़ताल पर चले जाएंगे।
जीएमसीएच-32 इंप्लाइज एंड वर्कर्स ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने इस मामले को लेकर एक बैठक की। बैठक में सुखबीर सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव यशपाल गर्ग ने 15 सितंबर को एक आदेश निकाला है, जोकि बिल्कुल कर्मचारी विरोधी है। क्योंकि इस आदेश से अस्पताल में पिछले लंबे समय से काम कर रहे हेल्थ वर्कर्स को मानसिक तौर पर परेशान करने की साजिश है। क्योंकि अस्पताल में किसी भी तरह के किसी भी कामकाज में रुकावट नहीं है और कोरोना जब पीक पर था तब इन्हीं वर्करों ने अस्पताल एवं चंडीगढ़ के मरीजों को संभाला, उनकी सेवा की अपनी जिंदगी दांव पर लगाकर काम किया। उस समय स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोई भी ऐसी विजिट नहीं किया गया। यह सिर्फ और सिर्फ आउटसोर्सिंग वर्करों को परेशान कर उनको नौकरी से निकालने की साजिश है। इसका ज्वाइंट एक्शन कमेटी विरोध करती है और इस आदेश की निंदा करती है।
अगर चंडीगढ़ प्रशासन या अस्पताल मैनेजमेंट ऐसे आदेश के जरिये किसी भी हेल्थ वर्कर को निकालती है तो आने वाले समय में अस्पताल के सभी आउटसोर्सिंग वर्कर काम छोड़कर हड़ताल पर चले जाएंगे। उसके बाद अगर अस्पताल में या चंडीगढ़ में किसी भी तरह का कोई भी माहौल खराब होता है, तो उसकी पूरी की पूरी जिम्मेदारी चंडीगढ़ प्रशासन एवं अस्पताल मैनेजमेंट की होगी।