चंडीगढ़ में पहली बार हुई आनलाइन हीयरिंग, वकील बोले- खराब नेटवर्क के कारण आ रही थी समस्या
चंडीगढ़ में लाकडाउन के दौरान वकीलों ने विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना किया। जिला अदालत के सभी वकीलों का मानना है कि फिजिकल हीयरिंग बहुत आसान है और फिजिकल हीयरिंग में चीजों को समझना बहुत आसान होता है।
चंडीगढ़, वैभव शर्मा। कोरोना काल में जहां एक ओर पूरे देश में कामकाज ठप पड़े थे, वहीं कोर्ट में भी कोई काम फिजिकल नहीं हुआ। कोर्ट में जहां फिजिकल हीयरिंग होती थी, वकील से लेकर जज सभी कोर्ट परिसर में दिखाई देते थे। वहीं लाकडाउन में वकीलों के सामने भी बड़ी चुनौती खड़ी हुई थी। ये चुनौती थी केस की आनलाइन हीयरिंग की। जो वकीलों ने पहले कभी नहीं की थी। फिजिकल हीयरिंग को लेकर वकीलों के मन में भी कई प्रकार के सवाल थे। लाकडाउन के दौरान वकीलों ने विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना किया।
जिला अदालत के सभी वकीलों का मानना है कि फिजिकल हीयरिंग बहुत आसान है और फिजिकल हीयरिंग में चीजों को समझना बहुत आसान होता है। लेकिन आनलाइन हीयरिंग में काफी चीजों में परेशानी हुई। हालांकि सभी ने इस अनुभव को अच्छा बताया क्योंकि अब ऐसी स्थिति बनी हुई थी जिसमें सिर्फ आनलाइन ही एक मात्र ऐसा रास्ता था, जिससे काम किया जा सकता था। ये चुनौती केवल वकीलों के लिए नहीं बल्कि जजों को ये समस्या पेश आई थी।
कोर्ट रूम की जगह घर में लगी अदालत
जहां एक और कोर्ट रूम में अभी तक अदालत लगती आई थी, लाकडाउन में अदालत घरों में लगी। जो अपने आप में ही सबके लिए एक अलग अनुभव था। आनलाइन सुनवाई में voice connectivity से लेकर video connectivity में भी परेशानी आई थी।
एडवोकेट अशोक कुमार ने कहा कि यह उनके लिए एक अलग ही अनुभव था, जहां कोर्ट रूम के बजाय घर से बैठकर ही केस की सुनवाई में हिस्सा लेना था। उन्होंने कहा कि लाकडाउन में आनलाइन काम में जहां सभी को परेशानी का सामना करना पड़ा, वहीं कोर्ट से जुड़े मामलों में भी यही समस्या सबके सामने आई।
फिजिकल हीयरिंग आसान
एडवोकेट दतिंदर ने बताया कि फिजिकल हीयरिंग में हम हर एक पहलुओं पर बार-बार जलील दे सकते हैं लेकिन आनलाइन हीयरिंग में network connectivity के खराब होने की वजह से न तो सही ढंग से आवाज आती थी और न ही कोई दलील सुनाई देती थी। हालांकि इस आलम में भी वकीलों ने करीब 50 से ज्यादा बड़े केस की सुनवाई की थी या उनमें फैसला लिया था।