गुटखा, पान मसाला पर एक साल पाबंदी

मसाला जिसमें तंबाकू या निकोटिन होता है उन पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 08:00 PM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 05:04 AM (IST)
गुटखा, पान मसाला पर एक साल पाबंदी
गुटखा, पान मसाला पर एक साल पाबंदी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : कोरोना को देखते हुए यूटी प्रशासन ने गुटखा और पान मसाला जिसमें तंबाकू या निकोटिन होता है, उन पर पूर्ण पाबंदी लगा दी है। यह पाबंदी अगले एक साल के लिए लगाई गई है। चंडीगढ़ फूड सेफ्टी कमिश्नर और हेल्थ कम होम सेक्रेटरी अरुण कुमार गुप्ता ने मीटिग के बाद यह आदेश जारी किए हैं। प्रशासन ने इन आदेशों को लागू करने के लिए नोटिफिकेशन भी जारी कर दी है। जिससे आदेश तुरंत प्रभाव से पूरे चंडीगढ़ में लागू हो गए हैं। नोटिफिकेशन पर इन उत्पादों पर अभी एक साल के लिए रोक लगाई गई है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया की तरफ से जारी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड प्रोहिबिशन एंड रिस्ट्रिक्शन सेल रूल्स-2011 के तहत यह निर्देश जारी किए गए। जिसके तहत फूड सेफ्टी कमिश्नर चंडीगढ़ ने फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2006 की धारा 30 के तहत चंडीगढ़ में अगले एक साल के लिए तंबाकू और निकोटीन वाले गुटखा व पान मसाला की मैन्युफैक्चरिग, सेल और डिस्ट्रीब्यूशन पर रोक लगा दी है। ऐसे में केवल इनका सेवन करने पर ही नहीं मैन्यूफेक्चरिग, सेल और डिस्ट्रीब्यूशन पर भी रोक रहेगी। इनको बेचा और बनाया भी नहीं जा सकता। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ फूड सेफ्टी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिसमें जुर्माने और सजा दोनों का ही प्रावधान है। टीमें करेंगी रेड

इन आदेशों को सख्ती से पालन कराने के लिए फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट की अलग-अलग टीमें शहर में जगह-जगह रैंडम चेकिग करेंगी। कोई बेचता, सेवन करता या बनाता पकड़ा गया तो उस पर सीधे कार्रवाई होगी। बता दें कि शहर की कोई मार्केट, रोड ऐसी नहीं है जहां इनकी बिक्री नहीं होती है। जगह-जगह रोड साइड या मार्केट में इन्हें बेचा जाता है। अब ऐसा नहीं हो सकता। थूकने पर पहले ही पाबंदी

कोरोना संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक अधिकतर लार या थूक से पहुंचता है। इसी वजह से गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने पब्लिक प्लेस पर थूकने पर पाबंदी लगा रखी है। साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है। लेकिन जो लोग गुटखा व पान मसाला खाते हैं उन्हें बार-बार थूकना पड़ता है। जो बड़े खतरे का कारण है। इसी को देखते हुए इनकी बिक्री, बनाने और सेवन करने पर रोक लगाई गई है।

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