नकली पुलिस इंस्पेक्टर बन ठगे एक लाख रुपये, चंडीगढ़ जिला अदालत ने खारिज की जमानत याचिका
प्रवीण के वकील ने कहा कि उसे इस केस में फंसाया गया है। पुलिस को उससे कुछ रिकवर नहीं हुआ है। केस का ट्रायल चलने में अभी काफी वक्त लगेगा इसलिए उसे जमानत दी जाए। कोर्ट ने दलीलों को नहीं माना और उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नकली इंस्पेक्टर बनकर सरकारी नौकरी दिलवाने के नाम पर सेक्टर-17 स्थित हरमन टेलर के मालिक से एक लाख रुपये की ठगी की थी। इस मामले में आरोपित प्रवीण कुमार ने जिला अदालत में जमानत की याचिका लगाई थी, जिसे कोर्ट में खारिज कर दिया। प्रवीण के वकील ने कहा कि उसे इस केस में फंसाया गया है। पुलिस को उससे कुछ रिकवर नहीं हुआ है। केस का ट्रायल चलने में अभी काफी वक्त लगेगा, इसलिए उसे जमानत दी जाए। कोर्ट ने दलीलों को नहीं माना और उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
अदालत ने कहा कि ट्रायल का हवाला देकर कोई भी अपराधी अपनी सजा से नहीं बच सकता। आरोपित को आरोपित प्रवीण के वकील को कहा कि वो कोई ठोस वजह बताए कि प्रवीण को जमानत दी जाए। वहीं सौरभ ने शिकायत में बताया था कि प्रवीण ने उसके एक कर्मचारी को सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे मांगे थे। प्रवीण कुमार के खिलाफ सौरभ वाही की शिकायत पर केस दर्ज हुआ था।
सेक्टर-17 स्थित हरमन टेलर के मालिक सौरभ ने अपनी शिकायत में बताया कि 28 जनवरी 2021 को उसकी दुकान पर तीन लोग आए थे जिनमें से एक ने पुलिस की वर्दी पहनी हुई थी। उन्होंने कहा कि अगर किसी को सरकारी नौकरी चाहिए तो वे लगवा सकते हैं। उन्होंने सरकारी नौकरी लगवाने के लिए 10 लाख रुपये मांगे। सौरभ ने कहा कि दुकाने के एक वर्कर को सरकारी नौकरी लगवा दो। उन्होंने एडवांस के तौर पर एक लाख रुपये उनसे ले लिए और गारंटी के बदले में अपने आई कार्ड देकर वहां से चले गए। लेकिन सौरभ को बाद में पता चला कि उसके साथ ठगी हुई है। उसे पता चला कि मिनिस्ट्री ऑफ वेलफेयर नाम का कोई डिपार्टमेंट ही नहीं है। उसने फिर पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने वारदात के दो दिन बाद प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि अभी ठगी की राशि रिकवर नहीं हुई है, जिस पर सौरभ ने कोर्ट से मांग की है कि जल्द ही उनके एक लाख रुपये भी बरामद कर उन्हें वापस दिए जाए।