सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल: चंडीगढ़ में होगा ओम नम: शिवाय का मंचन, एक सिख ब्रह्मा ताे दूसरा निभाएगा हिमवाल का किरदार

चंडीगढ़ में दो सिख सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश कर रहे हैं। 18 सितंबर को थिएटर आर्ट्स चंडीगढ़ और संवाद थिएटर ग्रुप चंडीगढ़ शहर ओम नम शिवाय का मंचन करने जा रहा है। जिसमें दोनों सिख भगवान ब्रह्मा और पार्वती के पिता हिमवाल की भूमिका में नजर आएंगे।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 04:39 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 04:39 PM (IST)
सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल: चंडीगढ़ में होगा ओम नम: शिवाय का मंचन, एक सिख ब्रह्मा ताे दूसरा निभाएगा हिमवाल का किरदार
बलकार सिद्धु भगवान ब्रह्मा तो सेवानिवृत बैंकर सतपाल सिंह पार्वती के पिता हिमवाल का रोल करेंगे।

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। ओम नम: शिवाय का नाम सुनते ही भगवान शिव के भक्तों की आस्था जाग जाती है। वहीं, शहर में पहली बार मंच पर दो सिख ओम नम: शिवाय मंचन में भगवान ब्रह्मा और पार्वती के पिता हिमवाल की भूमिका में नजर आएंगे। 18 सितंबर को थिएटर आर्ट्स चंडीगढ़ और संवाद थिएटर ग्रुप चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के सहयाेग से टैगोर थिएटर सेक्टर-18 में ओम नम: शिवाय का मंचन करने जा रहा है।

मंचन स्टेज के साथ लाइट एंड साउंड भी होगा। जो मंचन स्टेज पर हो रहा होगा वहीं मंचन लाइट एंड साउंट शो के जरिये परदे पर भी देखा जा सकेगा। इसमें चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के वाइस चेयरमेन बलकार सिद्धु भगवान ब्रह्मा तो सेवानिवृत बैंकर सतपाल सिंह पार्वती के पिता हिमवाल का रोल करेंगे। कार्यक्रम का मंचन शाम साढ़े छह से साढ़े आठ बजे तक होगा। 

सकारात्मकता के लिए निभा रहा हूं ब्रह्मा का किरदार- बलकार सिद्धु

ब्रह्मा का किरदार निभाने वाले बलकार सिद्धु ने बताया कि मुझे खुशी है कि मैं ब्रह्मा का किरदार निभा रहा हूं। बलकार ने बताया कि हम घर में नहाने के समय भी केश को खोलकर धोते है और सुखाते है, इसी प्रकार से हाथ में डाला गया कड्डा भी हमें जरूरत होने पर उतारना पड़ता है। ओम नम: शिवाय में भी मैं धर्म का काम कर रहा हूं जिसके लिए मैं उत्सुक होने के साथ खुश हूं कि मैं यह किरदार निभा पा रहा हूं।

बड़े दिल वाले थे मां पार्वती के पिता हिमवाल- सतपाल सिंह

मां पार्वती के पिता की भूमिका निभाने वाले सिख कलाकार सतपाल सिंह ने बताया कि हिमवाल बड़े दिल वाले थे। मैंने इस किरदार को निभाने से पहले उन्हें समझा है। मां पार्वती की जिद्द थी कि उन्हें भगवान शिव से शादी करनी है। हिमवाल राजा था लेकिन बेटी की खुशी के लिए उन्होंने कैलाश पर्वत के जंगलों में रहने वाले भगवान शिव से उनकी शादी करवाई। इस किरदार से जहां मुझे संतुष्टि है वहीं एक संदेश समाज के हर पिता को जाता है। आज के समय में बच्चों के सपनों को पूरा करने के लिए कई बार पिता सख्त हो जाते हैं या फिर इतनी ज्यादा छूट दे देते हैं कि वह गलत रास्ते पर चल देते हैं। मैं सिख जरूर हूं लेकिन ओम नम: शिवाय मंचन में धर्म नहीं सिर्फ पिता की भूमिका निभाऊंगा।

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