चंडीगढ़ में दिसंबर में शुरू होगी नर्सरी क्लास के लिए एडमिशन, शिक्षा विभाग के पास कुल 93 NTT

सत्र 2022-2023 में शहर के 115 सरकारी और 80 प्राइवेट स्कूल में 11700 सीट पर एडमिशन होगा। सरकारी स्कूल में बच्चों को दाखिला देना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। इस बार बच्चों की एडमिशन न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत होगी।

By Ankesh ThakurEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 11:56 AM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 11:56 AM (IST)
चंडीगढ़ में दिसंबर में शुरू होगी नर्सरी क्लास के लिए एडमिशन, शिक्षा विभाग के पास कुल 93 NTT
इस बार आठ हजार बच्चों की होगा दाखिला।

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने सत्र 2022-2023 में नर्सरी क्लास एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। दिसंबर के पहले सप्ताह में एडमिशन की औपचारिक घोषणा होने के बाद स्कूल में दाखिला शुरू हो जाएगा। सत्र 2022-2023 में शहर के 115 सरकारी और 80 प्राइवेट स्कूल में 11700 सीट पर एडमिशन होगा। सरकारी स्कूल में बच्चों को दाखिला देना विभाग के लिए चुनौती बना हुआ है। इस बार बच्चों की एडमिशन न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत होगी। लेकिन परेशानी यह है कि शिक्षा विभाग के पास न तो स्कूलों में क्लासरूम हैं और न ही पूरा स्टाफ है।

आठ हजार स्टूडेंट्स की होगी एडमिशन, विभाग के पास कुल 93 अध्यापक

विभाग द्वारा शुरू की गई एडमिशन प्रक्रिया में सरकारी स्कूलों में आठ हजार स्टूडेंट्स की नर्सरी क्लास में एडमिशन होनी है। यह एडमिशन शहर के सभी 115 सरकारी स्कूलों में होगी। इन स्कूलों में पढ़ाई करवाने के लिए इस समय विभाग के पास सिर्फ 93 रेगुलर अध्यापक है।

न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत 25 स्टूडेंट्स का एक सेक्शन

न्यू एजुकेशन पालिसी के अनुसार नर्सरी क्लास में एक सेक्शन में 25 स्टूडेंट्स ही होंगे। 25 स्टूडेंट्स के सेक्शन पर एक टीचर के साथ एक केयर टेकर स्कूल में होना अनिवार्य है।

मौजूदा समय में एक सेक्शन में 70 से 90 स्टूडेंट्स

विभाग के पास इस समय तक 7400 स्टूडेंट्स नर्सरी क्लास में पढ़ाई कर रहे हैं। इन स्टूडेेंट्स को 93 टीचर्स पढ़ाई करवा रहे हैं। जिसके चलते एक सेक्शन में 70 से 90 स्टूडेंट्स बैठकर पढ़ाई करते है।

2004 में हुई थी नर्सरी टीचरों की भर्ती

साल 2004 में आखिरी बार नर्सरी शिक्षकों की भर्ती हुई थी, तब से लेकर आज तक विभाग शिक्षकों की नियुक्ति नहीं कर पाया है। 2019 में 131 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन नियमों में उलझकर शिक्षा विभाग दो सालों से इन शिक्षकों को नियुक्त नहीं कर पाया है।

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