रितिका वर्मा को मिला एनएसएस का राष्ट्रीय अवार्ड
हर कामयाब इंसान के पीछे उसकी मेहनत तो होती है लेकिन सबसे बड़ा योगदान होता है उसके मार्गदर्शक का। मार्गदर्शक के बिना कोई भी इंसान कामयाब नहीं बन सकता है। मुझे जो अवार्ड मिला है वह सब मेरे सीनियर्स के मार्गदर्शन की वजह से मिला है।
वैभव शर्मा, चंडीगढ़।
हर कामयाब इंसान के पीछे उसकी मेहनत तो होती है लेकिन सबसे बड़ा योगदान होता है उसके मार्गदर्शक का। मार्गदर्शक के बिना कोई भी इंसान कामयाब नहीं बन सकता है। मुझे जो अवार्ड मिला है वह सब मेरे सीनियर्स के मार्गदर्शन की वजह से मिला है। अगर वह मुझे आगे आकर समाज के लिए काम न करने देते तो शायद मैं आज यह अवार्ड नहीं ले पाती। यह कहना है एनएसएस राष्ट्रीय अवार्ड हासिल करने वाली पंजाब यूनिवर्सिटी की पहली स्टूडेंट्स रितिका वर्मा का। रितिका मोहाली स्थित गांव सुहाना में अपने परिवार के साथ रहती है। रितिका ने बताया कि वह स्कूल टाइम से ही एनएसएस के साथ जुड़ी हुई थी। उनका कहना है कि एनएसएस ने उन्हें जो अवसर दिए उन्होंने उसका अच्छे से प्रयोग किया। रितिका को यह अवार्ड 24 सितंबर को नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति राम नाथ कोविद की ओर से दिया गया। यह कार्यक्रम वर्चुअल आयोजित किया गया था।
खुद के गांव में किए काफी कार्य
रितिका ने बताया कि वह खुद गांव में रहती है और उन्होंने अपने गोद लिए गांव धनास में काफी कार्य किया है। उन्होंने बताया कि धनास और सुहाना में स्वच्छता अभियान, मासिक धर्म, स्वच्छता प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और जल संरक्षण पर छात्रों को संवेदनशील बनाने के लिए विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया।
पेंटिग से लोगों को जल संरक्षण के प्रति किया जागरूक
उन्होंने गांव धनास में जल संरक्षण को लेकर रैलियां निकाली। लोगों के घर-घर जाकर उनके नलों की जांच की। लोगों को सबसे ज्यादा दीवारों बनी पेंटिग ने जागरूक किया। धनास की कई दीवारों पर उन्होंने जल संरक्षण को लेकर पेंटिग की थी जो कारगर साबित हुई।
पीयू बेस्ट वालंटियर्स और स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप अवार्ड भी किया हासिल
रितिका को दो साल 2018 और 2019 में स्वच्छ भारत समर इंटर्नशिप अवार्ड से नवाजा जा चुका है। उन्हें अनुकरणीय और सराहनीय सामाजिक सेवाओं की मान्यता के लिए साल 2017-18 में पीयू की ओर से सर्वश्रेष्ठ स्वयंसेवी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।