पिछले बयान से सिगला मुकरा, बोला- डीएसपी रामगोपाल से सिर्फ मुलाकात के लिए गया था ऑफिस
सेक्टर-37 ए स्थित विवादित कोठी पर कब्जा करने और उसे फर्जी तरीके से बेचने के मामले में आरोपित शराब कारोबारी अरविद सिगला रिमांड के दौरान शनिवार को की गई पूछताछ में अपने बयानों से मुकर गया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
सेक्टर-37 ए स्थित विवादित कोठी पर कब्जा करने और उसे फर्जी तरीके से बेचने के मामले में आरोपित शराब कारोबारी अरविद सिगला रिमांड के दौरान शनिवार को की गई पूछताछ में अपने बयानों से मुकर गया। अब सिगला ने कहा है कि तत्कालीन डीएसपी सेंट्रल रामगोपाल से एक बार वह ऑफिस में हालचाल जानने के उद्देश्य से उनसे मुलाकात करने गया था। जबकि, आरोपित बनने से पहले एसआइटी को दिए बयान में उसने बताया था कि डीएसपी सेंट्रल के ऑफिस में मीटिग करने के साथ उसके भरोसे पर ही कोठी का सौदा हुआ था। इसके साथ ही इस्टेट ऑफिस में नाम ट्रांसफर करवाया गया था। शराब कारोबारी बन रहा नासमझ, मामले की थी पूरी जानकारी
सूत्रों के अनुसार शराब कारोबारी अरविद सिगला ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया है कि वह अशोक अरोड़ा उर्फ मन्नू के माध्यम से मामले से जुड़ा था। कोठी प्रकरण के मुख्य आरोपितों में शामिल संजीव महाजन से भी पहचान होने के नाते उसने श्योरिटी पर कोठी की जीपीए करवाई गई। वह प्रापर्टी डीलर आरोपित मनीष गुप्ता को जानता है। मगर वह अन्य आरोपितों को नहीं जानता है। सूत्रों के अनुसार सिगला नकली राहुल मेहता बनने वाले गुरप्रीत सिंह सहित सभी तथ्यों को बखूबी जानता था। कोठी की रजिस्ट्री के समय भी सिगला मौजूद था। उसकी लोकेशन भी वहीं सामने आई है। हालांकि, इस बात की आधिकारिक पुष्टि करने को लेकर पुलिस अधिकारी अभी कुछ बोलना नहीं चाहते। तहसीलदार को महंगी शराब की पेटी कहां से दी
सिगला ने एसआइटी को बताया था कि आरोपितों ने तहसीलदार को कोठी के फर्जी कागजात तैयार करने के बदले उसे महंगी शराब की एक पेटी भी मुहैया कराई थी। सिगला कई शराब के ठेके हैं। सवाल उठता है कि क्या इसके बावजूद तत्कालीन तहसीलदार को आरोपितों ने किसी दूसरे ठेके से शराब की पेटी खरीदकर दी होगी?